मैगी का नाम मैगी पड़ने के पीछे की ये दिलचस्प कहानी

मैगी का नाम मैगी पड़ने के पीछे की ये दिलचस्प कहानी मैगी लवर्स को पसंद आएगी....... भारत में नूडल्स मतलब मैगी. किसी भी दुकान पर आप नूडल्स मांगो तो आपको दुकानदार तुरंत मैगी पकड़ा देगा. हालांकि, इन दोनों में बहुत फ़र्क होता है, मगर इंडिया में मैगी और नूडल्स एक दूसरे का पर्याय बन चुके हैं. बैचलर्स से लेकर बच्चों तक और बड़ों से लेकर बूढ़ों तक सबको पसंद है मैगी. पर मैगी को ये नाम कैसे मिला, इसके बारे में जानते हैं आप? नहीं, तो कोई बात नहीं, आज आपके इस सवाल का भी जवाब दिए देते हैं. मैगी बनाने का आइडिया पहली बार एक स्विट्ज़रलैंड के Julius Michael Johannes Maggi को आया था, जो एक Entrepreneur थे. 1860 में उन्होंने पैक्ड फ़ूड के मार्केट में कुछ नया करने की ठानी. ये वो समय था जब स्विट्ज़रलैंड का मील उद्योग बहुत बुरे दौर से गुज़र रहा था. इसलिए Julius एक चिकित्सक Fridolin Schuler के साथ मिलकर एक रेडीमेड फ़ूड बनाने में जुट गए. ऐसा फ़ूड जो रेडी टू ईट मतलब जो झटपट तैयार हो जाए.उन्होंने पहले जो दो प्रोडक्ट बनाए वो मार्केट में नहीं चले. मगर Julius ने हार नहीं मानी. 1886 उन्होंने आटा तैयार किया जो दाल और अलग-अलग प्रकार के अनाज से बना था. इससे बने नूडल्स और इनमें कुछ सब्ज़ियों को मिलाकर एक रेडी टू यूज़ सूप तैयार किया. ये पौष्टिक भी था और झटपट तैयार हो जाता था.अब बारी आई इस प्रोडक्ट को नाम देने की तब उन्होंने इसे अपना ही नाम दे दिया और इस तरह मैगी अस्तित्व में आई. चूंकि इसे वर्किंग क्लास के लोगों को ध्यान में रख कर बनाया गया था तो स्विट्ज़रलैंड की सरकार ने इसे सपोर्ट किया. इसकी मदद से सरकार महिलाओं को बाहर निकलकर काम करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहती थी. उस समय महिलाओं ने पुरुषों की तरह ही नौकरी करना बस शुरू ही किया थाइस तरह सरकार की मदद से Julius ने मैगी ब्रैंड के नाम से ही कई अलग- अलग प्रकार के सूप मार्केट में उतारे. वो भी मैगी जितने पसंद किए गए. इसके बाद मैगी एक फ़ेमस ब्रैंड बन चुका था. इसकी सफ़लता को देखते हुए उन्होंने पेरिस, बर्लिन, सिंगेन, वियना(Vienna), लंदन और कुछ अमेरिकी शहरों में भी मैगी को बेचना शुरू कर दिया था.1947 में Nestlé ने मैगी का अधिग्रहण कर लिया और 1983 में इसे भारत में पहली बार इंट्रोड्यूस किया गया. पूरी दुनिया में मशहूर दो मिनट में तैयार होने वाले ये नूडल्स भारत में आते ही मार्केट पर छा गए. लोगों को इसका स्वाद और झटपट तैयार होने वाला कॉन्सेप्ट बहुत पसंद आया. आज भी हमारे देश में करोड़ों लोगों का फ़ेवरेट फ़ूड है मैगी. मैगी के इतिहास से जो बात समझ आती है वो ये कि जो मैगी आपको देर रात घर पर आने पर खाना न बनाने के झंझट से बचाती है उसकी खोज असल में महिलाओं के लिए की गई थी. इसलिए अगली बार जब मैगी बनाना तो उन्हें थैंक्स कहना न भूलना और साथ में Julius Michael Johannes Maggi को जिसने मैगी की खोज की थी.


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