एमपी के 16 मजदूरों की रेल में कट कर मौत 

एमपी के 16 मजदूरों की रेल में कट कर मौत 
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सड़क मार्ग से पैदल - पैदल जाने वाले प्रवासी मजदूरों की जगह जगह पुलिस की पिटाई और रोक टोक से परेशान कई मजदूरों ने सड़क मार्ग को छोड़कर रेल की पटरियों के सहारे चलना  ठीक समझा l इस मार्ग में ज़्यादा रोक टोक नहीं है और हर 15 -20 किलोमीटर में आने वाले रेलवे स्टेशन पर पानी और विश्राम की व्यवस्था भी होती है l अतः सड़क मार्ग के साथ - साथ  रेल लाइनों पर पैदल चल रहे मजदूरों के हुजूम को देखा जा सकता है l तमाम सरकारी घोषणाओं और घर वापिसी के लिए ट्रेन और बस की व्यवस्था होने के बावजूद यह सिलसिला 45 दिनों के बाद भी थमता नज़र नहीं आ रहा है l हज़ारों किलोमीटर की यात्रा का जोखिम उठाने वाले प्रवासी मजदूरों के साथ बूढ़े ,बीमार बच्चे ,गर्भवती महिलाएं भी साथ है l गंतव्य तक पहुंचते पहुंचते कितने लोग ज़िन्दा रहेंगे और कितने मर जायेंगे कुछ कहा नहीं जा सकता l अभी तक भूख प्यास ,बीमारी और सड़क दुर्घटनाओं में करीब 100 से ज़्यादा मजदूरों की मौत हो चुकी है l
आज महाराष्ट्र में रेल पटरी पर मालगाड़ी से कट कर  मध्यप्रदेश के 16 प्रवासी मजदूरों की मौत से दिल दहल गया l 


बिना की पूर्वानुमान के लागू किये गए लॉक डाउन की सबसे ज़्यादा कीमत मजदूर वर्ग को चुकानी पड़ रही है और विभिन्न सरकारें मजदूरों के अधिकारों में ही कटौती कर उन्हें बंधुआ मजदूर बनाने की दिशा में आगे बढ़ रही है l 
इस शर्मनाक और चिंता की बात है l 
यह घटनाएं और दुर्घटनाएं केंद्र राज्य और राज्य राज्य के आपसे तालमेल और समन्वय ना होने के कारण घटित हो रही है l विभिन्न सरकारों का मजदूर और मानव विरोधी क्रूर चरित्र जनता के सामने आ चुका है l
इन मौतों का जिम्मेदार कोई और नहीं स्वयं सरकार है l


मृतकों के प्रति हार्दिक संवेदना