सिखों ने दंगों के पीड़ितों के लिए अपने गुरुद्वारों को खोल दिया लंगर चलाने वाले असली देशभक्त थे।

सोशलिस्ट युवजन सभा के पूर्व अध्यक्ष व आरोग्य सेना के राष्ट्रीय प्रमुख  डॉ. अभिजीत वैद्य ने 29 फरवरी, 2020 को पुणे से जामिया मिलिया इस्लामिया व शाहीन बाग पहुंचे और अपनी बात मजबूती के साथ रखा।   उन्होंने आरोग्य सेना और एसवाईएस की ओर से आंदोलन को समर्थन देने की घोषणा की। उन्होंने प्रदर्शनकारियों को सलाम किया व कपिल मिश्रा, अनुराग ठाकुर को गिरफ्तार करने की मांग की और अमित शाह के इस्तीफे की भी मांग की। अगर सरकार ने फैसला किया होता तो दंगों को कुछ घंटों में नियंत्रित किया जा सकता था। उन्होंने कहा कि एनपीआर, एनआरसी और सीएए तीन स्तरित फिल्टर प्रणाली है जो न केवल मुसलमानों बल्कि करोड़ों आदिवासी, खानाबदोश, दलित हिंदुओं और ट्रांसजेंडर, अनाथ और आश्रयहीन लोगों को खत्म करने के लिए है। यह एक देशद्रोही, राष्ट्रविरोधी प्रणाली है जो भरत के विचार के मूल को नष्ट कर देगी। जो हमारे देश से प्यार करते हैं, उन्हें इस प्रणाली को पीछे हटाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पूरे मामले और दंगों पर दिल्ली के सीएम केजरीवाल की चुप्पी की आलोचना की। उन्होंने उन सभी हिंदुओं को भी सलाम किया जिन्होंने मुसलमानों की जान बचाई जिन्होंने हिंदुओं की जान बचाई। उन्होंने कहा कि सिखों ने दंगों के पीड़ितों के लिए अपने गुरुद्वारों को खोल दिया और लंगर चलाने वाले असली देशभक्त थे।