पूरी दुनिया मे गांधी कथा के माध्यम से एक युग का दिग्दर्शन कराने वाले नारायण भाई

जाने माने गांधीवादी
 नारायण भाई की पुण्यतिथि पर नमन
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सर्वोदय नेता श्री नारायण देसाई ने आज से ठीक एक साल पहिले 15 मार्च 2015 को वेडछी स्थित सम्पूर्ण क्रांति विद्यालय में अंतिम सांस ली थी l उन्हे 75 से अधिक वर्षों के सामाजिक जीवन में उन्हें महात्मा गांधी,विनोबा भावे और लोकनायक जयप्रकाश नारायण का निकट साहचर्य मिला । राष्ट्रीय आंदोलन ,भूदान आंदोलन ,सम्पूर्ण क्रांति आंदोलन में सक्रीय भूमिका अदा की । बड़ी मात्रा में भूदान प्राप्त करने ,देश भर में शान्ति सेना का गठन और दंगा शमन का काम ,सम्पूर्ण क्रांति आंदोलन में सक्रिय भूमिका,गुजराती,हिन्दी और अंग्रेजी में साहित्य सेवा ,भूदान-सर्वोदय-सम्पूर्ण क्रान्ति और आपातकाल में तानाशाही के खिलाफ पत्रिकाओं का संपादन के लिए उन्हें याद किया जाएगा । बिहार आंदोलन में सक्रियता के कारण तत्कालीन राज्य सरकार ने उन्हें बिहार - निकाला दिया था , युद्ध विरोधी अंतर्राष्ट्रीय आंदोलन में अग्रणी भूमिका और कार्यकर्ता प्रशैक्षण के लिए सम्पूर्ण क्रान्ति आंदोलन विद्यालय की स्थापना तथा 2002 के गुजरात नरसंहार के प्रायश्चित के रूप में शुरू की गयी 'गांधी कथा ' उनके जीवन की उल्लेखनीय गतिविधियां थीं । उन्हें केंद्रीय साहित्य अकादमी पुरस्कार ,समेत कई साहित्यिक पुरस्कार तथा यूनेस्को का शान्ति पुरस्कार दिए गए थे।
जाने माने गांधीवादी नारायण भाई ने एक ज्ञानी संत का जीवन जिया। गांधी जी की चार खंड में जीवनी लिखी है जिसे मूर्ती देवी ज्ञानपीठ पुरस्कार से नवाजा गया। गुजराती साहित्य परिषद् के अध्यक्ष एवं गांधी द्वारा स्थापित गुजरात विद्यापीठ के चांसलर थे । समाजवादी जनपरिषद के वरिष्ठ नेता अफलातून ,वरिष्ठ पत्रकार नचिकेता देसाई एवं अणुमुक्ति आंदोलन की प्रमुख डॉ संघमित्रा के पिता एवं युवा समाजवादी प्योली के दादा नारायण भाई ,प्रसिद्ध स्वतन्त्रता सेनानी एवं महात्मा गांधी के सचिव महादेवभाई के पुत्र थे l उनका बचपन गांधी के सानिध्य मे सेवाग्राम मे बीता है l


पूरी दुनिया मे गांधी कथा के माध्यम से एक युग का दिग्दर्शन कराने वाले नारायण भाई को स्मृति को प्रणाम l