रेलवे में यूनियनों एवं फेडरेशन के निष्पक्ष चुनाव करने की मांग रेल मजदूर यूनियन ने की

मुंबई- रेलवे में यूनियनों एवं फेडरेशनो  के निष्पक्ष चुनाव करने की मांग को लेकर रेल मजदूर यूनियन आर एम यू ने रेल मंत्री पीयूष गोयल सहित रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों से यह मांग की है कि नए नियमों के तहत चुनाव संपन्न कराए जाएं ताकि रेलवे की पारदर्शिता बनी रहे ज्ञात हो रेलवे में  AIRF एवं NFIR यह दोनों यूनियन ने अपनी मर्जी से रेलवे मैं चुनाव संपन्न कराना चाहती हैं ताकि अधिकारियों की मिलीभगत से अपनी मनमर्जी चला सके जबकि नए नियमों के अनुसार रेलवे को भी पोस्टल बैलट पेपर के माध्यम से निष्पक्ष चुनाव कराने के निर्देश हैं पर वर्षों से आ रही परंपरा के चलते रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी भी यह नहीं चाहते कि नए नियमों के तहत चुनाव संपन्न हो क्योंकि पुरानी AIRF एवं NFIR दोनों यूनियन इन वरिष्ठ अधिकारियों एवं रेलवे के आला अफसरों की खिदमत करते आई है और इन अधिकारियों की मदद से ही यह अपनी रोजी-रोटी चलाती हैं इसलिए इन दोनों यूनियनों का यह विरोध है कि नए नियमों के तहत चुनाव संपन्न ना हो जबकि नए नियमों के अनुसार 51% वोट जिस यूनियन को मिलेंगे वह मान्यता प्राप्त यूनियन की श्रेणी में आएगी परंतु दोनों यूनियन ने यह चाहती है कि 30% वोट के आधार पर चुनाव हो जाए परंतु रेल मजदूर यूनियन(RMU) किसी भी कीमत पर ऐसा नहीं होने देना चाहती है वर्तमान परिस्थितियों में रेल मजदूर यूनियन एक सशक्त मजदूर यूनियन के रूप में उभरी है इस संबंध में रेल मजदूर यूनियन एवं नेशनल फ्रंट ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन NFITU के राष्ट्रीय महासचिव सुभाष मलगी ने बताया कि नियमानुसार रेलवे को नए नियमों के तहत ही चुनाव संपन्न कराना चाहिए और रेल मंत्री को अपने पद की गरिमा का ध्यान रखते हुए इस आशय के निर्देश जारी करने चाहिए की रेलवे में निष्पक्ष चुनाव पोस्टल बैलट और नए नियमों के आधार पर संपन्न कराए जाएं इस संबंध में रेल मजदूर यूनियन ने रेल मंत्री सहित वरिष्ठ अधिकारियों को अपने पत्रों के माध्यम से अवगत कराया है ताकि चुनाव की प्रक्रिया निष्पक्ष तरीके से संपन्न कराई जाए परंतु दोनों यूनियन पूरी ताकत के साथ लगी हुई है कि नए नियमों के अनुसार चुनाव संपन्न ना हो रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी भी नहीं चाहते कि नए नियमों के अनुसार संपन्न कराए जाएं क्योंकि उन्हें खतरा है कि वर्षों से AIRF एवं NFIR जो यूनियन है उनकी खिदमत करते हैं आ रही थी और गलत नीतियों को भी स्वीकार कर कर्मचारियों का नुकसान करती आ रही थी यह यूनियने मान्यता प्राप्त यूनियनों की श्रेणी में नहीं आ पाएगी इसलिए रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी भी यह नहीं चाहते हैं कि निष्पक्ष चुनाव संपन्न हो देखना यह है कि रेल मजदूर यूनियन द्वारा की गई शिकायत एवं पत्राचार के बाद भी रेल मंत्रालय एवं रेलवे के वरिष्ठ आला अधिकारी नए नियमों के तहत चुनाव संपन्न कराते हैं अथवा नहीं यदि नए नियमों के तहत चुनाव संपन्न नहीं होंगे तो यह माना जाएगा कि रेलवे में वरिष्ठ अधिकारी और रेल मंत्री दलाली प्रथा को कायम रखना चाहते हैं