क्रेशर श्रमिक की मौत संदेहास्पद...

 पुलिस जांच पर भी उठे सवाल?


छिन्दवाड़ा/तामिया


गत शुक्रवार को तामिया थाना अंतर्गत ग्राम इटावा में स्थित एक स्टोन क्रेशर में श्रमिक की ट्रक के टायर के नीचे कथित रूप से दबकर हो जाने की घटना का असल सत्य अब खुलकर सामने आ रहा है। घटनास्थल पर मौजूद उपस्थित प्रत्यक्षदर्शियों ने दबे मुंह से इस बात की स्वीकारोक्ति की है कि मृतक सारज धुर्वे की मौत ट्रक में दबकर नहीं, अपितु स्टोन क्रेशर में फंसकर हुई है। इसी मामले में एक यह भी महत्वपूर्ण पेंच उभरकर सामने आ रहा है कि मृतक उक्त स्टोन क्रेशर के डंपर में नहीं अपितु स्टोन क्रेशर में ही काम किया करता था। माना जा रहा है कि स्टोन क्रेशर में फस कर मौत हो जाने के बाद लापरवाही के बड़े आरोप से बचने के लिए स्टोन क्रेशर के मालिक के द्वारा इस घटना का रुप ही कथित तौर पर बदल दिया गया है। इस संदर्भ में स्थानीय संवाददाता के द्वारा मृतक सारज धुर्वे के ग्राम के ग्रामवासियों से इस संदर्भ में पूछताछ किए जाने पर पता चला है कि वह ट्रक में क्लीनर का कार्य नहीं अपितु स्टोन क्रेशर में मजदूरी का कार्य करता था, लेकिन इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के घटित हो जाने के बाद स्टोन क्रेशर मालिक के द्वारा कथित रूप से मृतक का मौत का कारण ट्रक के टायर के नीचे दबकर बना दिया गया है। इसमें पुलिस की जांच को लेकर भी बड़े सवाल उठ रहे हैं।


स्टोन क्रेशर में ही 25 मिनट तक तड़पता रहा मृतक-
ग्राम इटावा के स्टोन क्रेशर में बीते शुक्रवार को घटित यह घटना मृतक सारज धुर्वे लगभग 20 से 25 मिनट तक स्टोन क्रेशर में ही तड़पता रहा था। दरअसल स्टोन क्रेशर मालिक के द्वारा उसका त्वरित उपचार की व्यवस्था बनाने के स्थान पर इटावा से लगभग 4 किलोमीटर दूर स्थित मृतक के गृह निवास से उसकी पत्नी को बुलाने को प्राथमिकता दी गई। इसका सीधा आशय यह था कि इस मामले में कोई बड़ी साजिश या लापरवाही का कारण निश्चित रूप से था, तब ही मृतक का तुरंत उपचार नहीं कराया गया। घटना के लगभग 25 मिनट के बाद घायल अवस्था में सारज धुर्वे को तामिया अस्पताल ले जाया गया, जहां बीच रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया।


पुलिस जांच पर उठे सवाल-
इस मामले की प्राथमिकी में पुलिस के द्वारा ट्रक क्र एमपी 28 जी 2779 के चालक राकेश परतेती पर ही मामला दर्ज किया गया है, जबकि इसी मामले में ट्रक के मालिक पर भी लापरवाही का मामला दर्ज किया जा सकता था। इसके अलावा स्टोन क्रेशर परिसर में घटित होने के बावजूद संबंधित परिसर के मालिक पर भी मुकदमा दर्ज किया जाना किसी घालमेल का संकेत देता है।


rajesh dixit