जंतर मंतर पर हाथरस बलरामपुर की घटना के ख़िलाफ़ न्याय की मांग को लेकर हजारों की तादाद में लोगों ने किया प्रदर्शन!!

हाथरस और बलरामपुर की जघन्य घटनाओं के ख़िलाफ़ आवाज उठाओ !



आज दिल्ली के



दिल्ली के नागरिकों ने जंतर मंतर पर उत्तर प्रदेश प्रदेश के हाथरस तथा बलरामपुर में हुए बर्बर बलात्कार की घटना के ख़िलाफ़ जल्द से जल्द न्याय करने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। पहले यह प्रदर्शन इंडिया गेट पर आयोजित था, जिसे दिल्ली पुलिस ने होने नहीं दिया, उसके बाद लोग हजारों की संख्या में जंतर मंतर पर एकत्रित हुए। प्रदर्शन में स्त्री मुक्ति लीग, अखिल भारतीय जाति विरोधी मंच और प्रोग्रेसिव आर्टिस्ट लीग ने भी भागीदारी की।



आज पूरे देश में ही स्त्री विरोधी अपराध बढ़ते जा रहे हैं लेकिन खासतौर पर उत्तरप्रदेश के अन्दर कनफटे ढोंगी के राज में महिला होना ही अपने आप में अपराध हो गया है, ऊपर से यदि कोई महिला दलित, अल्पसंख्यक या ग़रीब है तो उसके साथ बर्बर किस्म के अपराधों को अंजाम दिया जाना और भी सरल हो गया है। दो हफ्ते पहले हाथरस की घटना के बाद पूरा प्रशासनिक अमला आरोपियों को बचाने में जुटा हुआ था, 8 दिन प्रशासन को गैंगरेप का आरोप लिखने में लग गए। पीड़िता के परिवार को धमकियाँ दी गयीं कि उन्नाव जैसा हाल कर दिया जाएगा।



दिल्ली के सफ़दरजंग अस्पताल में पीड़िता के ज़िंदगी की लड़ाई हार जाने के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत तमाम भाजपाई फ़ासिस्ट नेता घड़ियाली आँसू बहाने में लगे हुए हैं। लेकिन इस पूरे घटनाक्रम में पुलिस प्रशासन की भूमिका बेहद शर्मनाक है। पुलिस ने परिवार वालों की मर्ज़ी के ख़िलाफ़, यहां तक कि उनके ही ख़िलाफ़ बल प्रयोग कर, ज़बरदस्ती रात में लाश जला डाली। अभी सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसके बारे में कहा जा रहा है कि स्थानीय जिलाधिकारी पीड़िता के परिवार को खुले आम बयान वापस लेने के लिए दबाव बना रहा है। राजनीतिक पार्टी के नेताओं के आलावा मीडिया और सामाजिक कार्यकर्ताओं को भी हाथरस जाने से रोका जा रहा है। स्पष्ट तौर पर पूरा अमला दोषियों के पक्ष में खड़ा है।



ये यही भाजपा सरकार है जिसने पिछले दिनों कुलदीप सिंह सेंगर समेत, चिन्मयानन्द जैसे अपराधियों को बचाने में दिन-रात एक कर दिए थे। कठुआ के अपराधियों के समर्थन में भाजपा के नेताओं ने रैली तक निकाली। केंद्र तथा राज्य की सत्ता में बलात्कार के आरोपी बैठे हुए हैं। ‘अपराधियों पर बुलडोजर’ चलाने का दावा करने वाले फ़ासिस्टों के राज में अपराधी नंगा नाच कर रहे हैं।



हमें अपने गुस्से को ठंडा नहीं होने देना है! अपनी मुट्ठियों को भींच कर रखो! पुलिस-प्रशासन, संसद-विधानसभा, कोर्ट-कचहरी के भरोसे नहीं बैठा जा सकता। आज हमें संगठित होकर उठ खड़े होना होगा। एक हाथ से पितृसत्ता की गर्दन मरोड़नी होगी, दूसरे हाथ से पूँजीवाद की। स्त्री विरोधी, सवर्ण मानसिकता को खाद-पानी देने वाले मौजूदा फ़ासिस्ट निजाम को उलट देना होगा। तभी सही मायने में हमारी इन बहनों के साथ इंसाफ़ हो सकता है।



हमारी मांग है कि...

1-हाथरस और बलरामपुर के दोषियों को सजा दो!

2-बलात्कारियों और हत्यारों को शरण देने वाले फासिस्ट मुख्यमन्त्री योगी आदित्यनाथ इस्तीफ़ा दो!

3-उत्तर प्रदेश पुलिस के दोषी पुलिस कर्मियों को तत्काल बर्खास्त करो!

4-फ़ास्ट-ट्रैक अदालतों के ज़रिये स्त्री-विरोधी अपराधों के मामलों की त्वरित जाँच व सुनवाई करो।

5-महिला आयोगों को सरकारी हस्तक्षेप से स्वतन्त्र करो और इन्हें वास्तविक अधिकार प्रदान करो