आज जब आप देवी पूजेंगे तब एक सवाल अपने आप से पूछिए कि क्या आप स्त्री की वाकई कद्र करते है।
या सिर्फ आपकी बहन आपकी बहन है और आपकी मां ही सिर्फ आपके लिए सर्वोत्तम है।
बाकी की महिलाओं से आपका कुछ लेना देना नही है।
फिर तो एक बार फिर से अपने आप से पूछिए कि जब एक माँ सबकी हो सकती तो सबकी मां आपकी क्यो नही हो सकती या सबकी बहन आपकी बहन क्यो नही है?
हिंदुस्तान की विडंबना है कि जिस मां की पूजा हम कर रहे उसी माँ की सबसे ज्यादा गालियाँ हम ही निकला ते है।
हर औरत में मां का स्वरूप है बस नजरिये का फर्क है।
राह चलती लड़की पर जब कोई फब्तियों की बरसात करता है और इन्ही दिनों उनके चरण पखारता है इसे आप क्या बोलेंगे ?
हम सभी अच्छे समाज मे जीना चाहते है।पर उसे बनाएगा कौन ?
हम ओर आप मिलकर ही एक अच्छे समाज को बना सकते और शुरुआत होगी खुद से।
तो एक नई शुरुआत कीजिये और खुद को थोड़ा सा बदलिए।
@
Chandra Sheela Gupta