बहादुर शाह जफ़र

इतनी जगह कहाँ है !

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1775 में आज ही के दिन यानी 24 अक्टूबर को जन्मे थे बहादुर शाह जफ़र l

बहादुर शाह जफ़र सिर्फ एक देशभक्त मुगल बादशाह ही नहीं बल्कि उर्दू के मशहूर कवि भी थे। उन्होंने बहुत सी मशहूर उर्दू कविताएँ लिखीं, जिनमें से काफ़ी अंग्रेजों के ख़िलाफ़ बगावत के समय मची उथल-पुथल के दौरान खो गई या नष्ट हो गई। बहादुर शाह ज़फर को अपने वतन से दूर बर्मा में हुई अपनी मौत का अफ़सोस रहा और वे इसे अपनी बदनसीबी बताते हुए विदा हुए l वे ईस्ट इंडिया कम्पनी के खिलाफ 1857 में हुई बगावत के नायक थे l देश में मौजूद मुगलकाल की हर निशानी से नफरत करने वालों के हीरो और हमारे पीएम मोदी जी पिछले दिनों म्यांमार में अंतिम मुग़ल सम्राट जफर साहब की मजार पर गए थे और पुष्प अर्पित किये थे l



फ़िलवक़्त एक शे'र उनका :



कह दो इन हसरतों से कहीं और जा बसें,

इतनी जगह कहाँ है दिल-ए-दाग़दार में।



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Jayprakash Manas