सुपारी किलर कहें, या हिटमैन..


शक्ल पहचानिए। इन्हें सुपारी किलर कहें, या हिटमैन..


महाभारत में एक किरदार है, जयद्रथ। होने को वह हस्तिनापुर खानदान का दामाद है, पर उसकी दुष्टताओं का किस्सा लम्बा है। इस किस्से में द्रोपदी के हरण की कोशिश और इस पर पांडवों द्वारा उसका मुंडन कर, सिर पे पांच चोटियां छोड़ देने का विवरण भी आता है।


जयद्रथ को वरदान है कि जो उसका वध करेगा, उसका सर.. जयद्रथ के सर के भूमि पे गिरते ही विस्फोट से फट जाएगा। तो जयद्रथ की इस इम्युनिटी के कारण उससे कोई लड़ता नही, मारता नहीं। ऐसे में वह चक्रव्यूह के मुख द्वार पर खड़ा होता है, और अभिमन्यु के प्रविष्ट होते ही, उसके साथ आ रहे भीम औए दूसरे योद्धाओ का मार्ग रोक देता है।



नतीजा, निरीह अभिमन्यु दर्जनों योद्धाओं द्वारा घेरकर मार डाला जाता है।
-
संसद में निरीह, कमजोर और निहत्थे लोकतंत्र को इस चक्रव्यूह में फंसाकर, उसके वध को सम्भव बनाने वाले यह जयद्रथ असल मे एक पत्रकार हैं।


वे पत्रकारों की उस लम्बी श्रृंखला की जीवंत सक्सेस स्टोरी हैं, जो चारण लेखन कर राज्यसभा से नवाजे जाते हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया और प्रभात खबर जैसे अखबारों से जुड़े पत्रकार हरिवंश नारायण सिंह, काफी जूनियर होने के बावजूद राज्यसभा के उपभापति की आसंदी तक पहुँच गए।


उस कृपा का बदला उन्होंने लोकतंत्र के खून से चुका दिया। हंगामे और विरोध के बीच ऐसे सदन में जहां सरकार का बहुमत नही था, टीवी की ध्वनि बन्द कर किसान गुलामी बिल को ध्वनि मत से पारित होना घोषित कर दिया।


राज्यसभा का जब इतिहास लिखा जाएगा, तो उच्च सदन के निम्नतम बिन्दुओ में वह क्षण शामिल किया जाएगा, जिस क्षण हरिवंश नारायण सिंह उसकी ऊंची कुर्सी पर विराजमान थे। छोटे कद के लोग ऊंची आसन्दी पर छोटी ही हरकते करते है, यह लाजिम है।


मगर इतनी ओछी हरकत का रिकॉर्ड तोड़ पाना किसी के लिए आसान न होगा इस बदनामी को छिपा पाना हरिवंश बाबू के लिए आसान न होगा। पर शर्म उन्हें न आनी है।


सुन रहे हो रांची वालों .. क्या तुम्हें आ रही है??


 Manish Singh