NEET ओर JEE के एग्जाम सरकार किसी भी कीमत पर कराने पर तुली हुई है..

आखिर ऐसा क्या हुआ जो NEET ओर JEE के एग्जाम
सरकार किसी भी कीमत पर कराने पर तुली हुई है.....इसकी सबसे बड़ी वजह है कोटा फैक्ट्री !.......दरअसल बहुत से लोग नही जानते कि कोटा के जानेमाने कोचिंग संस्थानों की बहुत तगड़ी लॉबिंग है और उनके साथ अब इस वक्त प्राइवेट इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेज के हित भी शामिल है......
सब जानते है कि यह दोनों एक सेशन लेट होने की कीमत नही उठा पाएंगे .......राजस्थान का कोटा पूरे देश में इंजीनियरिंग और मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी का गढ़ बन चुका है. कोरोना महामारी के कारण करीब 3400 करोड़ के कोटा कोचिंग इंडस्ट्री को बड़ा झटका लगा है ।.....



कोचिंग सेंटर्स के मालिकों का प्रेशर है यह एग्जाम मई में होनी थी अब यह सितंबर में हो रही है अगर परीक्षाएं इससे ज्यादा टाली जाएगी तो लगभग चार महीने से बंद चल रहे उनकी कोचिंग में बोझ पड़ेगा.......इससे न तो नए स्टूडेंट्स आएंगे बल्कि उन्हें पहले एडमिशन पाए छात्रों को अधिक पढ़ाना होगा इससे उन पर आर्थिक बोझ बढ़ जाएगा. यही स्थिति प्राइवेट कॉलेज के साथ भी है नए एडमिशन होंगे तो ही वह सरवाइव कर पाएंगे वैसे भी अब मेडिकल की आधी सीटें प्राइवेट हो चुकी हैं। अगर एग्जाम नहीं होता है और सेशन लैप्स होता है तो निजी मेडिकल कॉलेजों को करोड़ों रुपये कैपिटेशन फीस से लेकर अन्य शुल्कों का नुकसान उठाना पड़ेगा, परीक्षाएं समय से होगी तो ही अगला एकेडमिक सेशन शुरू होगा नही तो सब हाथ पर हाथ रख कर बैठे रहेंगे......


छात्र इस मामले में इतने संगठित नही है जितनी संगठित कोचिंग ओर प्राइवेट कालेज वाली लॉबी है कोटा के प्रतिनिधि सदन के सबसे उच्च स्थान पर आसीन है इसलिए यह एग्जाम तो होकर ही रहेगी


गिरीश मालवीय:-