छिंदवाड़ा- र्बैको के निजीकरण की प्रक्रिया के चलते सरकार के इस कदम का जंहा भरी विरोध हो रहा है वही दूसरी तरफ बेंको में कार्यरत कुछ कर्मचारी भी इन बिगड़ते हालत के लिए नैतिक रूप से इसलिए भी जिम्मेदार है क्योंकि इन बिगड़ैल किस्म के कर्मचारियों की बेजा हरकत से जंहा जमाकर्ता परेशान रहते है वही ये कामचोर किस्म के कर्मचारी अपनी जिम्मेवारी से पल्ला झाड़ते हुए सिर्फ मुफ्त की तनख्वाह खा रहे है और बैंक के ग्राहकों के साथ दुर्व्यवहार करते हुए सिर्फ मुफ्तखोरी करते है इन कर्मचारियों को बेंको की दिन प्रतिदिन खस्ता होती जा रही हालत से कोई भी लेना देना नहीं है बल्कि इनके आचरण से उपभोक्ता परेशान होते है शिकायत के लिए बना बैंकिंग लोकपाल किसी काम का नहीं है इस कारण से इनके हौसले बुलंद होते जा रहे है निजीकरण की प्रक्रिया के चलते जब इन पर छटनी की गाज गिरेगी तब इनके होश ठिकाने आ जायेंगे छिंदवाड़ा में ऐसा ही हाल मध्य प्रदेश ग्रामीणबैंक मुख्य शाखा में पदस्थ एक कर्मचारी का है यह नियम कायदो को ताक पर रखकर बैंक के सम्मानीय ग्राहकों के साथ दुर्व्यवहार करता है इस कर्मचारी की कार्यक्षमता देखकर यह तत्काल समझ में आ जायेगा की यह बिलकुल मेंनरलेस कर्मचारी है और समस्या का समाधान करने की जगह समस्या बढ़ा देता है साथ ही इसका मिजाज ऐसा है की यह कर्मचारी बैंक के शाखा प्रबंधक के सामने ही सम्मानीय ग्राहकों को चेलेंज देते हुए दुर्व्यवहार करता है और कहता है मुझे किसी से कोई फर्क नहीं पड़ता है की कौन बैंक का सम्मानीय ग्राहक है और कौन क्या है इसकी कार्य प्रणाली को देखकर शाखा प्रबंधक सम्बंधित ग्राहक को अपने पास बुलाकर उनकी समस्या का समाधान करने का प्रयास करता है जबकि ब्रांच के अन्य कर्मचारी व्यवहार कुशल है बहुत ही सम्मानजनक तरीके से ग्राहकों से पेश आते है
मध्य प्रदेश ग्रामीण बैंक छिंदवाड़ा मुख्य शाखा में ग्राहकों से किया जा रहा दुर्व्यवहार