जन कवि बल्ली सिंह चीमा

आज जन कवि
बल्ली सिंह चीमा का जन्मदिन है l

बल्ली सिंह चीमा उत्तराखंड राज्य के प्रमुख कवियों में गिने जाते हैं। उनकी लिखी कविताएँ अन्धेरे में मशाल की भाँति कार्य करती हैं। बल्ली सिंह की कविताएँ पुस्तकालय की शोभा नहीं बनती, अपितु अन्याय और जुल्म के ख़िलाफ़ सड़क पर उतर आती हुई प्रतीत होती हैं। जीवन संघर्षों और जन आंदोलनों में बल्ली सिंह चीमा ने अपनी ज़िन्दगी का अधिकांश समय व्यतीत किया है।


परिचय
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बल्ली सिंह चीमा का जन्म 2 सितम्बर, 1952 में चीमाखुर्द गाँव, अमृतसर ज़िला, पंजाब में हुआ था। इनकी माता का नाम सेवा कौर था। इन्होंने स्नातक के समकक्ष प्रभाकर की डिग्री 'गुरु नानक विश्वविद्यालय', अमृतसर से प्राप्त की थी। चाहे उत्तराखंड आंदोलन रहा हो या फिर राज्य बनने से पूर्व शराब विरोधी आंदोलन, सभी में बल्ली सिंह अपनी कविताओं के साथ जनता के मध्य उपस्थित रहे। बल्ली सिंह चीमा अपनी जमीन से जुड़े हुए जनकवि हैं। कृषि एवं फ़्रीलांस पत्रकारिता दोनों को ही इन्होंने समान रूप से अपनाया है।


\देश भर के कविता मंचों और विश्वविद्यालयों में कविता पाठ करने के साथ-साथ बल्ली सिंह चीमा देश की प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में भी अपनी रचनाओं सहित उपस्थित रहते हैं। सुन्दरलाल बहुगुणा, बाबा आम्टे और मेधा पाटेकर जैसे सक्रिय समाज सेवियों ने बल्ली सिंह की कविताओं और जन गीतों को अपनाया है। इन गीतों की गतिशीलता और त्वरा से इन लोगों ने अपने आंदोलन को एक नई धार दी है l प्रस्तुत है उनकी एक कविता -


मैं अमरीका का पिठ्ठू और तू अमरीकी लाला है
आजा मिलकर लूटें–खाएँ कौन देखने वाला है
मैं विकास की चाबी हूँ और तू विकास का ताला है
सेज़ बनाएँ, मौज़ उड़ाएँ कौन पूछ्ने वाला है


बरगर-पीजा खाना है और शान से जीना-मरना
ऐसी–तैसी लस्सी की, अब पेप्सी कोला पीना है
डॉलर सबका बाप है और रुपया सबका साला है
आजा मिलकर लूटें–खायें कौन देखने वाला है


फॉरेन कपड़े पहनेंगे हम, फॉरेन खाना खायेंगे
फॉरेन धुन पर डाँस करेंगे, फॉरेन गाने गायेंगे
एन०आर०आई० बहनोई है, एन०आर०आई० साला है
आजा मिलकर लूट मचाएँ, कौन देखने वाला है


गंदा पानी पी लेते हैं, सचमुच भारतवासी हैं
भूखे रहकर जी लेते हैं, सचमुच के सन्यासी हैं
क्या जानें ये भूखे–नंगे, क्या गड़बड़-घोटाला है
आजा मिलकर राज करें, कौन देखने वाला है


रंग बदलते कम्युनिस्टों को अपने रंग में ढालेंगे
बाक़ी को आतंकी कहकर क़िस्सा ख़तम कर डालेंगे
संसद में हर कॉमरेड जपता पूंजी की माला है
आजा मिलकर राज करें, कौन देखने वाला है


पर्वत, नदिया, जंगल, धरती जो मेरा वो तेरा है
भूखा भारत भूखों का है, शाइनिंग इंडिया मेरा है
पूंजी के इस लोकतंत्र में अपना बोलम–बाला है
आजा मिलकर राज करें, कौन देखने वाला है


तेरी सेना, मेरी सेना मिलकर ये अभ्यास करें
हक़-इन्साफ़ की बात करे जो उसका सत्यानाश करें
एक क़रार की बात ही क्या सब नाम तेरा कर डाला है
आजा मिलकर राज करें, कौन देखने वाला है


मैं अमरीका का पिठ्ठू और तू अमरीकी लाला है
आजा मिलकर लूटें–खाएँ कौन देखने वाला है
मैं विकास की चाबी हूँ और तू विकास का ताला है
सेज़ बनाएँ, मौज़ उड़ाएँ कौन पूछ्ने वाला है


मैं अमरीका का पिठ्ठू और तू अमरीकी लाला है
आजा मिलकर लूटें–खाएँ कौन देखने वाला है
मैं विकास की चाबी हूँ और तू विकास का ताला है
सेज़ बनाएँ, मौज़ उड़ाएँ कौन पूछ्ने वाला है


बरगर-पीजा खाना है और शान से जीना-मरना
ऐसी–तैसी लस्सी की, अब पेप्सी कोला पीना है
डॉलर सबका बाप है और रुपया सबका साला है
आजा मिलकर लूटें–खायें कौन देखने वाला है


फॉरेन कपड़े पहनेंगे हम, फॉरेन खाना खायेंगे
फॉरेन धुन पर डाँस करेंगे, फॉरेन गाने गायेंगे
एन०आर०आई० बहनोई है, एन०आर०आई० साला है
आजा मिलकर लूट मचाएँ, कौन देखने वाला है


@ बल्लीसिंह चीमा