किसान विरोधी कानून रद्द करने की मांग -किसानों ने राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन

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                               मोदी सरकार का पुतला फूंका



   किसान संघर्ष समिति के कार्यकारी अध्यक्ष एवं पूर्व विधायक डॉ सुनीलम ने बताया कि 250 किसान संगठनों के मंच अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति की अपील पर आज 25 सितम्बर को पूरे देश में किसान विरोधी बिलों को रद्द करने  की मांग को लेकर  किसानों द्वारा देशभर में प्रतिरोध कार्यक्रम आयोजित किए गए। इसमें किसान संघर्ष समिति- जन आंदोलनों का राष्ट्रीय समन्वय से जुड़े संगठनों द्वारा मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों में भी कार्यक्रम आयोजित किए गए । देश भर में एक लाख से अधिक स्थानों पर विरोध कार्यक्रम हुए। मध्यप्रदेश मे मुलताई में जगदीश दोड़के, मंदसौर में दिलीप सिंह पाटीदार,झाबुआ में राजेश बैरागी एवं गोपाल डामोर, इंदौर में रामस्वरूप मंत्री, उज्जैन में कमलेश परमार, सीधी में उमेश तिवारी ,टीकमगढ़ में निसार आलम अंसारी, रायसेन(सिलवानी) में श्री राम सेन, हरदा में योगेश तिवारी ,रीवा में इंद्रजीत सिंह, छिंदवाड़ा में एड.आराधना भार्गव के नेतृत्व में तथा ग्वालियर  सहित अन्य स्थानों पर विरोध प्रदर्शन कर राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपे गए ।
  ज्ञापन में कहा गया  हैं कि  केंद्र सरकार ने किसान, किसानी और गांव को बर्बाद करने,मंडी व्यवस्था समाप्त करने, न्यूनतम समर्थन मूल्य देने की व्यवस्था को खत्म करने, व्यापारिक कंपनियों को मुनाफाखोरी और जमाखोरी की छूट देने, किसानों की जमीन कंपनियों को सौंपने के उददेश्य से लॉकडाउन के समय में तीन  किसान विरोधी बिल (1) आवश्यक वस्तु कानून 1955 में संशोधन बिल, (2) मंडी समिति एपीएमसी कानून  (कृषि उपज वाणिज्य एवं व्यापार संवर्धन व सुविधा बिल) (3) ठेका खेती  (मूल्य आश्वासन पर बंदोबस्ती और सुरक्षा) समझौता कृषि सेवा बिल, 2020  एवं एक प्रस्तावित नया संशोधित बिजली बिल 2020 लाकर कृषि क्षेत्र को कार्पोरेट के हवाले कर दिया है तथा आजादी के बाद किए गए भूमि सुधारों को खत्म करने का रास्ता प्रशस्त कर दिया है। अब तक किसान आत्मनिर्भर था परन्तु केंद्र सरकार उन्हें अब कॉर्पोरेट का गुलाम बनाने पर  आमादा है।अब तक बीज, खाद, कीटनाशक पर कार्पोरेट का कब्जा था अब कृषि उपज और किसानों की जमीन पर भी कारपोरेट का कब्जा हो जाएगा। विद्युत संशोधन बिल के माध्यम से सरकार बिजली के निजीकरण का रास्ता प्रशस्त कर रही है। जिसके बाद किसानों को बिजली पर मिलने वाली सब्सिडी समाप्त हो जाएगी जिसके चलते किसानों को महंगी बिजली खरीदनी होगी। केंद्र सरकार ने किसानों की आमदनी दुगुनी करने की घोषणा की थी, लेकिन किसान विरोधी कानून लागू हो जाने के बाद किसानों की आमदनी आधी रह जाएगी तथा किसानों पर कर्ज और आत्महत्याएं दुगुनी हो जाना तय है । देश मे बेरोजगारों की संख्या 15 करोड़ पहुंच चुकी है।
ऐसी हालत में 65 प्रतिशत ग्रामीण  आबादी  के जीवकोपार्जन के साधन कृषि को
बर्बाद करने  से बेरोजगारी अनियंत्रित हो जाएगी।
आपको याद होगा अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के वर्किंग ग्रुप के किसान  नेताओं ने आपसे मुलाकात कर किसानों की संपूर्ण कर्जा मुक्ति तथा लागत से डेढ़ गुना मूल्य की गारंटी संबंधी बिल आपको सौपें थे तथा आपसे सरकार को इन बिलों को संसद में पारित कराने के लिए प्रेरित करने का अनुरोध किया था क्योंकि देश के किसानों की यही मुख्य आवश्यकता थी। कोरोना काल मे किसानों को हुए नुकसान की भरपाई देने तथा जी डी पी में 24 प्रतिशत कमी आने के बावजूद किसानों द्वारा अपनी मेहनत से अन्न भंडार भर देश की खाद्य सुरक्षा अक्षुण रखने
 के बावजूद केंद्र सरकार ने किसानों की आवश्यकताएँ पूर्ति करने की जगह किसानों की बर्बादी करने वाले बिल अलोकतांत्रिक ढंग से बिना किसान संगठनो , सभी राज्य सरकारों से परामर्श किये बगैर, संसद में आवश्यक चर्चा  तथा  मत विभाजन न  कराकर  किसानों पर थोप दिए  हैं। सम्पूर्ण विपक्ष ने इन्हें किसानों का डेथ वारंट बतलाया है तथा 18 पार्टियों ने आपसे मिलकर हस्ताक्षर न करने की अपील भी की है।
संसद में देश के किसानों ने सरकार का जो रवैया देखा है उससे किसानों का संसदीय लोकतंत्र पर विश्वास घटा है।
  राष्ट्रपति होने के नाते आपकी जिम्मेदारी और जवाबदेही भारत के संविधान के प्रति है। केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए बिल किसानों के सम्मान पूर्वक जीवन जीने के अधिकार को बाधित करेंगे तथा किसानों पर  नई गुलामी  थोपेंगे। केंद्र सरकार ने श्रम कानूनों को
खत्म पर श्रमिकों को भी कोर्पोरेट का गुलाम बना दिया है ।
          हम यह ज्ञापन आपको इस विश्वास के साथ सौंप रहे हैं कि आप किसान मजदूर हितों की रक्षा करते हुए केंद्र सरकार द्वारा पारित कराए गए बिलों को सरकार को वापस भेजेंगे तथा सरकार को अपने फैसले पर पुनर्विचार कर बिलों को रद्द करने हेतु प्रेरित कर देशवासियों विशेष कर किसानों मज़दूरों के प्रति अपनी जिम्मेदारी का वहन करेंगे।