जुर्म है सच को सच कहना जुर्म है गधे को गधा कहना


लखनऊ के एक नवाब साहब को किसी ने
*"गधा"* बोल दिया।



नवाब साहब को ये बहुत नागवार गुज़रा और उन्होंने कोर्ट में केस कर दिया। जज ने गधा बोलने वाले से पूछा तो उसने अपनी ग़लती मानते हुए माफ़ी माँग ली।


जज ने नवाब साहब से कहाः *"नवाब साहब अब तो ये माफ़ी माँग रहा है, आपका क्या कहना है?"*


इस पर नवाब साहब माफ़ी
देने के लिये तैयार हो गये --
लेकिन शर्त रखी कि वह आदमी अब कभी किसी नवाब को गधा नहीं बोलेगा।


वो आदमी मान गया कि अब किसी नवाब को वो गधा नहीं बोलेगा।


जज ने मुजरिम को बरी कर दिया।


जाने से पहले उस आदमी ने जज साहब से पूछाः *"योर हॉनर, मैं नवाब साहब को तो कत्तई गधा नहीं बोलूंगा लेकिन एक बात बताइये कि गधे को तो मैं नवाब साहब बोल सकता हूँ कि नहीं?"*


जज ने कहा: *"गधे को आप कुछ भी बोलिए, कोर्ट का उससे कोई लेना देना नहीं है।"*


वो आदमी नवाब साहब की तरफ मुड़ा और बोलाः *अच्छा "नवाब साहब" चलता हूँ!"*


gopal rathi