जम्हूरियत का सूरत ए हाल
राज्य सभा के सदन का यह चित्र देखिए।जम्हूरियत का सूरत ए हाल ।हरिवंश द्वारा विपक्ष की मत विभाजन की मांग को अनदेखा करने के बाद अन्याय का प्रतिकार करने वाले 8 सांसद निलंबित हैं।उनके समर्थन में तथा उस विधेयक को फिर से पेश किए जाने की मांग के साथ विपक्ष बहिष्कार किए हुए है।

यह बेहया सरकार साढ़े तीन घंटे में सात जनविरोधी विधेयक इस खाली सदन से पास करा ले गई।

भाजपा के जननी संगठन RSS का 'लोकतंत्र' ऐसा ही है। सरसंघचालक बन्द लिफाफे में अगले सरसंघचालक का नाम लिख जाता है।विवि के छात्रसंघ चुनाव के उम्मीदवारों की सूची भी बनारस के संघ कार्यालय 'राम मंदिर' से आती थी।छात्रों से बड़ी उम्र का संघी लिफाफा खोल कर घोषणा करता था।यह बताना विषयांतर न होगा कि अभाविप की हर स्तर की इकाई का अध्यक्ष विद्यार्थी नहीं शिक्षक होता है।तो एक बार न्यू एजी छात्रावास (अब तिलक छात्रावास) में राजनाथ सिंह ने राम मंदिर से आया लिफाफा खोला।अध्यक्ष पद के लिए बैरिस्टर सिंह (उस छात्रावास की तरह इनका नाम भी बदल कर अनुपम आलोक हो गया है)का नाम जैसे ही घोषित किया कश्मीर के मौजूदा लेफ्टिनेंट गवर्नर के समर्थकों ने राजनाथ सिंह पर हमला बोल दिया।तब भी वे धोती-जामा पहनते थे।धोती जामा यानी ऐसी धोती जिसे पाजामे की तरह फट्ट से पहना जाता है।तो मनोज सिन्हा समर्थकों ने राजनाथजी को धोती जामा मुक्त कर दिया ।उन्हें 'गंड़स्थले दण्डप्रहारम' से बचाने के लिए कमरा नम्बर दस में बंद कर रखा गया।

हरिवंश यह जानते हैं।जम्हूरियत की सबक उसने वहीं से ली होगी?