हाथरस केस -सूबे में रामराज्य नही जंगलराज चल रहा है






हाथरस केस में उत्तरप्रदेश के पुलिस प्रशासन ने जिस कदर अमानवीयता का परिचय दिया है वह बताता है कि यह सूबे में रामराज्य नही जंगलराज चल रहा है। गैंगरेप पीड़िता की चिता कल रात के 2 बजे जला दी गयी जानबूझकर उसके शव को पुहंचाने में देरी की गई उसके परिवारजन ठीक से उसके अंतिम दर्शन भी नही कर पाए।



दरअसल पुलिस प्रशासन इस घटना को हल्का करने में शुरू से ही लगा हुआ था, गैंगरेप करते वक्त उसकी गर्दन को ऐसा मरोड़ा गया था कि संपूर्ण सर्वाइकल स्पाइन इंजरी हो गई पीड़िता 14 सितंबर की घटना के बाद से होश में नही थी 9 दिन बाद जब वह होश में आई है तो उसने घटना के बारे में बताया और 4 दुष्कर्मियों के नाम बताए।



नामजद आरोपो के बाद भी पुलिस गैंगरेप की घटना से इनकार कर रही है जबकि साफ दिख रहा है कि केस में नृशंसता की हदें पार कर दी गई थी, कल वहाँ के एसपी ने बयान दिया कि गैंगरेप के मेडिकल जाँच में सुबूत नही मिले है।



पुलिस का रोल इस घटना मे संदिग्ध रहा है पिछले हफ्ते मंगलवार को फरियादी पीड़िता पक्ष के लोग जिले के एसपी ऑफिस पहुंचे थे उनका कहना था कि आरोपी पक्ष के लोग धमकी दे रहे हैं। इन लोगों ने पीड़ित परिवार की जान-माल की हिफाजत की मांग एसपी से की थी।



साफ दिख रहा था कि उन पर बेजा दबाव बनाया जा रहा था पुलिस प्रशासन तब भी गांव के दबंगो का साथ दे रहा था, पूरा मामला तब चर्चा में आया जब भीम आर्मी के चंद्रशेखर चार दिन पहले पीड़िता से मिलने हॉस्पिटल पुहंच गए, उसके बाद से ही पुलिस प्रशासन मामले में सक्रिय हुआ।



पीड़िता के परिवार ने आरोप लगाया कि घटना के कई दिनों तक आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया गया। पहले छेड़खानी और हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया था। पीड़िता कई दिनों तक बेहोश रही इसलिए किसी को पता नहीं चल सका कि उसके साथ क्या हुआ है। जब इस मामले पर सियासत तेज हुई तब पुलिस सक्रिय हुई।



पीड़िता के जीजा ने न्यूज़ वेबसाइट गाँव कनेक्शन को फोन पर बताया, "चारो आरोपी ठाकुर समाज के हैं, तीन के घर हमारे घर (पीड़िता के घर) के ठीक सामने हैं एक आरोपी का बगल में है। आज जब वो मर गयी तब पूरे गाँव में पुलिस और पीएसी तैनात है। हर कोई फोन कर रहा है। इतने दिनों से वो अस्पताल में थी तब किसी ने खबर नहीं ली।"



साफ है कि योगी सरकार यह मामला दबाने का हर सम्भव प्रयास कर रही है, लेकिन जिस तरह से नृशंसतापूर्वक इस गैंगरेप ओर पीड़िता की हत्या की गई है यह रामराज्य कहे जाने पर बहुत बड़ा प्रश्नचिन्ह है।

 


Girish Malviya