डॉ. मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया

आज भी उन्हें आधुनिक भारत के विश्वकर्मा के रूप में बड़े सम्मान के साथ स्मरण किया जाता है। अपने समय के बहुत बड़े इंजीनियर, वैज्ञानिक और निर्माता के रूप में देश की सेवा में अपना जीवन समर्पित करने वाले डॉ. मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया को भारत ही नहीं वरन विश्व की महान प्रतिभाओं में गिना जाता है। जब उन्हें सन् 1955 में भारत रत्न प्रदान किया गया, तो उन्होंने पंडित नेहरू को लिखा, 'अगर आप यह सोचते हैं कि इस उपाधि से विभूषित करने से मैं आपकी सरकार की प्रशंसा करूँगा, तो आपको निराशा ही होगी। मैं सत्य की तह तक पहुँचने वाला व्यक्ति हूँ।' नेहरू ने उनकी बात की प्रशंसा की। उन्होंने विश्वेश्वरैया को आश्वासन दिया कि राष्ट्रीय घटनाओं व विकास पर टिप्पणी करने के लिए वह स्वतंत्र हैं। यह सम्मान उन्हें उनके कार्यों के लिये दिया गया है। इसका मतलब उन्हें चुप कराना नहीं है।



पहले तो हम कम अक्ल वाले सिविल वालों को ही इंजीनियर मानते थे l लेकिन अब इंजीनियरिंग की कई शाखाएं है l कुछ शाखाएं तो अभी हमारे देखते विकसित हुई और अब उनका बोलबाला है l आज इंजीनियर डे पर सभी इंजीनियर डिग्री धारी मित्रों को बहुत बहुत बधाई l


जीवन को सुगम बनाने के लिए प्रकृति का संरक्षण करते हुए प्रदूषण मुक्त ,संतुलित और टिकाऊ विकास में आप महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे यही कामना है l
Deepak Rajoria