JNU में हमारे अग्रज सहपाठी रहे रसायन शास्त्र के वैज्ञानिक प्रोफेसर प्रोफेसर बल राम सिंह ने आज अपने नए देश अमेरिका से एक पोस्ट लिखा है जिसका मूल यह है कि दक्षिण अमेरिकी देश ब्राज़ील में एक 10 हजार साल पुराना मानव कंकाल मिला है उससे यह पता चलता है कि भारत के लोगों का अनुवांशिक संबंध वहां से हो सकता है ....
उनकी पोस्ट का उनवान है " India as a Potential Origin of South American's "
प्रोफेसर बल राम सिंह जी भारत को बहुत प्यार करते हैं अवधी बोली और भाषा को बहुत प्यार करते हैं उसके लिए खूब लड़ते हैं जिसमें मैं भी उनका पिछुवा हूं खैर वे मोदी और योगी से भी मिलते रहते हैं मतलब बहुत ही बड़ी पर्सनालिटी हैं भारत के लिए राष्ट्रहित में महान योगदान कर सकते हैं ...
भारत के सभी देवी देवताओं वेदों और पुराणों की व्याख्या यहां तक कि रामराज्य की अर्थव्यवस्था का भी वैज्ञानिक विश्लेषण करते हैं ...ऐसे महा विद्वान से मैंने आज एक आग्रह किया है जिसे आप लोगों की सेवा में प्रस्तुत कर रहा हूं ...."
* बड़े भाई बल राम सिंह जी भले ही आप वेद पुराण पर प्रवचन कर रहे हों लेकिन मुझे खुशी है कि आप ज्ञान विज्ञान में यकीन रखते हैं यही हमारे लिए सबसे हर्ष की बात है ...
अमेरिका कैसे बसा और बाहर से जाकर गोरे लोगों ने वहां के आदिनिवासियों से सब कुछ कैसे छीन लिया उन्हें समुंदर में भी मार मार कर फेंक दिया आप को यह भी पता होगा ..?
इस समय सबसे बड़े संकट में हमारा प्यारा वतन भारत है जहां साम्प्रदायिक राजनीति ने हिन्दू मुस्लिम के बीच ऐसी वैमनस्य पैदा कर दी है कि ढेर सारे जहिल जिन्हें राजनीति इतिहास और भूगोल का रत्तीभर का भी ज्ञान नहीं है वे मुसलमानों को विदेशी कहते हैं ...
आप जैसे रसायन शास्त्र के वैज्ञानिक से हमारी महान अपेक्षाएं हैं अर्थात आप स्वतः इस बात का संज्ञान लेते हुए खुद अपने DNA का परीक्षण करा के उस तथ्य को सार्वजनिक कर दें यदि आप के DNA से यह पता चल जाए कि आपके पूर्वज मध्य एशिया या जहां कहीं से भी भारत में आए तो आप के जीवन का उपयोग संकट से घिरा भारत कभी नहीं भूलेगा ...!
आप खुद अमीर और साधन संपन्न एवं अमेरिका जैसे विजज्ञानवादी अगड़े हुए देश में रह रहे हैं ...वहां के नागरिक भी बन चुके हैं ...
यदि आप के DNA से यह पता चल जाए कि आप के पूर्वज विदेशी थे तो इसके बाद आप अपना DNA रिपोर्ट लेकर पूरे भारत को बताएं कि भारत का सवर्ण विदेशी है अर्थात भगवान राम भी विदेशी ही थे ...आपको इस महान कार्य के लिए नोबल पुरष्कार मिले न मिले लेकिन आप वास्तविक भारत रत्न की जगह जरूर हासिल कर लेंगे .