मनमोहन शाह बट्टी का निधन......गोंडवाना आंदोलन को क्षति

    स्मृति शेष ........


 सक्रिय साथी अमरवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक एवं अखिल भारतीय गोंडवाना पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनमोहन शाह बट्टी के दुखद निधन का समाचार अभी कुछ देर पहले प्राप्त हुआ मनमोहन शाह बट्टी मेरे अच्छे मित्रों में शुमार रहे है गोंडवाना आंदोलन को छिन्दवाड़ा से पूरे मध्यप्रदेश में पहुँचाने वाले सक्रिय इस आदिवासी साथी के संबंध मे प्राप्त जानकारी के अनुसार मनमोहन शाह बट्टी कोरोना संक्रमण के चलते भोपाल के चिरायु अस्पताल में इलाज रत थे अचानक दोपहर में आर्ट अटैक आने से उनकी मृत्यु हो गई मनमोहन शाह बट्टी के निधन गोंडवाना आंदोलन के लिए अपूर्णीय क्षति है मध्यप्रदेश में गोंडवाना आंदोलन को गति देने वाले ऊर्जावान आदिवासी नेता का कोई दूसरा विकल्प नहीं है जल जंगल जमीन के मुद्दों पर लगातार संघर्ष करने वाले सक्रिय आदिवासी नेता मनमोहन शाह बट्टी की लोकप्रियता छत्तीसगढ़ राजस्थान दिल्ली हरियाणा एवं अन्य प्रदेशों में थी हाल ही में इस कोरोना काल में उन्होंने अपने पार्टी के विस्तार के लिए लगातार मेहनत की है और पार्टी का विस्तार मध्य प्रदेश के अलावा अन्य राज्यों में बहुत तेजी से किया प्रतिदिन लगातार विभिन्न प्रदेशों में प्रदेश अध्यक्षों की नियुक्तियां एवं अन्य इकाइयों की नियुक्तियां उनके द्वारा की जाती रही जिसकी जानकारी फेसबुक एवं सोशल मीडिया के माध्यम से उनके साथियों को प्राप्त होती रही मनमोहन शाह बट्टी के निधन से गोंडवाना आंदोलन में शून्यता आना सुनिश्चित है आने वाले समय में मनमोहन शाह बट्टी जैसा नेता गोंडवाना को नेतृत्व देने के लिए मिल पाना असंभव है मनमोहन शाह बट्टी आदिवासियों के ऐसे लोकप्रिय नेता थे उनको सुनने जनसैलाब उमड़ पड़ता था किसी भी पार्टी के नेता में या सत्तारूढ़ दल के किसी भी नेता में मनमोहन शाह बट्टी जैसी क्षमता नहीं है आदिवासी नेता के मात्र 24 घंटे के कॉल पर 10000 आदिवासियों का आंदोलन में पहुंच जाना छिंदवाड़ा बहुत ही मामूली बात थी सबसे ताज्जुब की बात तो यह मनमोहन शाह बट्टी के समर्थक आदिवासी स्वयं के खर्चे पर अपने इस लोकप्रिय नेता के लिए खड़े हो जाते थे अपने समर्थकों के लिए 24 घंटे सक्रीय रहने इस आदिवासी नेता ने अपनी एक अलग पहचान बनाई बेशक मध्यप्रदेश में किसी भी दल में मनमोहन शाह बट्टी जैसा ऊर्जावान और चमत्कारी नेता नहीं हैजल जंगल ज़मीन और पांचवी एवं छटी अनुसूची लागु करवाने एवं गोंडी भाषा को दर्जा दिए जाने के मामले में वह सबसे ज्यादा मुखर थे इस चमत्कारी नेता ने आदिवासियों के बीच ना केवळ अपनी लोकप्रिय छबि बनायीं बल्कि आदिवासियों के हर मुद्दे को पूरी ताकत के साथ विधान सभा मे उठाने का काम पूरी ईमानदारी के साथ किया बट्टी निश्चित रूप से एक पारदर्शी नेता थे अपने हर कार्यकर्त्ता के दुःख तकलीफ मे उसके साथ खड़े रहते थे हाल ही मे उन्होंने अपनी पार्टी के विस्तार के चले विभिन्न प्रदेशो मे प्रदेश अधयक्षो की नियुक्तियां की थी छिंदवाड़ा जिले के तत्कालीन सांसद और तत्कालीन मुख्यमंत्री के खिलाफ लोकसभा का चुनाव लड़कर उन्होंने इस मिथक को तोडा की कोई भी कमलनाथ को चुनौती नहीं दे सकता  सीमित साधनों के बल पर बड़ी बड़ी रैलियां करना और आदिवासियों की समस्याओं के निराकरण के लिए मुख्यमंत्री से लेकर मंत्री एवं जिले के कलेक्टरों को समस्याओं के निदान के लिए पत्राचार करने का काम निरंतर करने वाला यह नेता काल के क्रूर गाल में समा गया बेशक हम सभी जन आंदोलनों के साथियों के लिए यह अपूर्णनिय क्षति है समान विचारधारा वाले जन संगठनों और तीसरे मोर्चे के राजनीतिक दलों के साथ मनमोहन शाह बट्टी के मधुर संपर्क रहे तीसरे मोर्चे के हर नेता को पूरा सम्मान देना इस नेता की फितरत थी छात्र राजनीति से चलते हुए गोंडवाना आंदोलन को गति दे कर अमरवाड़ाविधानसभा क्षेत्र का विधायक निर्वाचित होना किसी जादू से कम नहीं था जब उन्होंने मध्यप्रदेश के कद्दावर स्वास्थ्य मंत्री प्रेम नारायण ठाकुर को हराकर जीत हासिल की थी तीसरे मोर्चे के साथियों के लिए इसलिए भी यह अपूर्ण क्षति है कि हाल ही में कुछ माह पूर्व कोयलांचल के सबसे सक्रिय लाल झंडा कोल माइंस मजदूर यूनियन के संघर्षशील साथी कामरेड पी के मूर्ति का निधन भी हुआ है और अब आदिवासी ऊर्जावान नेता का अचानक चले जाना निश्चित रूप से बहुत बड़ी क्षति है जिले के जन आंदोलनों के इस संघर्षशील साथी को हिंद मजदूर किसान पंचायत आजादी बचाओ आंदोलन जन संघर्ष मोर्चा राष्ट्रीय गोंडवाना किसान मजदूर पंचायत के समस्त साथियों की ओर से भावपूर्ण श्रद्धांजलि.....


साथी तेरे सपनों को मंजिल तक पहुंचाएंगे...... इंकलाब जिंदाबाद.....


डीके प्रजापति
महासचिव हिंद मजदूर किसान पंचायत
मध्य प्रदेश