हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद

राष्ट्रीय खेल दिवस की धुभकामनाएँ

हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद की जन्मतिथि 29 अगस्त को 'राष्ट्रीय खेल दिवस' के रूप में मनाया जाता हैं। देश को तीन-तीन ओलिंपिक स्वर्ण पदक दिलाने वाले ध्यानचंद देश के सर्वकालीन महानतम खिलाड़ी माने जाते हैं। उन्हें हॉकी में वही दर्ज़ा हासिल है जो फुटबॉल में पेले और क्रिकेट में ब्रैडमैन का है। कहा जाता है कि मैच के दौरान गेंद हर समय ध्यानचंद की स्टिक के साथ ही चिपकी रहती। यह देखकर दर्शक आश्चर्यचकित रह गए, लेकिन कुछ अधिकारियों को बीच में संदेह होने लगा कि कहीं ध्यानचंद की स्टिक में कोई ऐसी वस्तु तो नहीं लगी है, जो बराबर गेंद को अपनी ओर खींचे जाती है। बात बढ़ गई और शंका-समाधान आवश्यक समझा गया। सैनिक को दूसरी स्टिक से खेलने को कहा गया, लेकिन जब दूसरी स्टिक से भी ध्यानचंद ने दनादन गोलों का तांता बांधकर समा बांध दिया तो जर्मन अधिकारियों को विश्वास हो गया कि जादू स्टिक का नहीं उनकी लोचदार और सशक्त कलाइयों का है। वहाँ के दर्शकों ने तभी ध्यानचंद को 'हॉकी का जादूगर' कहना शुरू कर दिया। 1936 के ओलम्पिक खेलों में भारतीय हॉकी टीम ने कुल मिलाकर 38 गोल किए जिनमें से 11 गोल ध्यानचंद ने ही किए।



मेजर ध्यानचंद की जयंती पर हार्दिक श्रद्धांजलि !