सरगुजा - फर्जी कंपनियों के द्वारा सरगुजा के भोले-भाले ग्रामीण एवं शहरी युवकों को रोजगार दिलाने के नाम पर मोटी रकम लेकर फरार हो जाने की शिकायत सरगुजा जिले के डी के सोनी अधिवक्ता एवं आरटीआई कार्यकर्ता ने एक आवेदन देकर एसडीएम अंबिकापुर एवं थाना गांधीनगर अंबिकापुर में देकर यह शिकायत किया है कि लगातार सरगुजा जिले में फर्जी कंपनियों के द्वारा सरगुजा के भोले-भाले ग्रामीण एवं शहरी युवकों को रोजगार दिलाने के नाम पर मोटी रकम लेकर फरार हो जाया जा रहा है तथा युवक अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं इसी तरह की कंपनी मनेंद्रगढ़ रोड में बैंक ऑफ इंडिया के ऊपर स्थित है इसका नाम आईटीएम कंपनी है तथा इसी कंपनी के नाम से वह संचालन करता है तथा कंपनी का जो रजिस्ट्रेशन है वह iconivo tyrants market private limited से पंजीकृत बताती है तथा इसका मुख्यालय प्रथम तल पालम वेल्ली लाइफ़स्टाइल प्राइवेट दापर अंबाला हाईवे डेरा बासी सास नगर मोहाली पंजाब 140506 दिया गया है जिसमें डायरेक्टर सुनील सिंह एवं संजीता शर्मा है
डी के सोनी अधिवक्ता का कहना है की इस आईटीएम कंपनी के पास अन्य कोई भी दस्तावेज नहीं है जिससे कि वह रोजगार देने वाला व्यवसाय कर सके यानी डायरेक्ट सेल जैसा काम थी उक्त प्रमाण पत्र के आधार पर नहीं किया जा सकता है क्योंकि भारत सरकार के उपभोक्ता संरक्षण एवं फूड मंत्रालय द्वारा दिनांक 9/9/2016 के नोटिफिकेशन के अनुसार किसी भी डायरेक्ट सेल की कंपनी को दिनांक 9/9/2016 के बनाए गए नियमों के अनुसार रजिस्ट्रेशन होना अनिवार्य है तथा उक्त नियमों का पालन करना भी आवश्यक है जबकि मनेंद्रगढ़ रोड में स्थित आईटीएम कंपनी इसके तहत पंजीकृत नहीं है और ना ही भारत सरकार के नोटिफिकेशन के अनुसार रजिस्टर्ड है और ना ही उसका पालन किया गया है उक्त नोटिफिकेशन भी शिकायत में लगाया गया है,
तथा नोटिफिकेशन दिनांक 9/9/10 के कंडिका क्रमांक 11 के अनुसार कोई भी डायरेक्ट सेल कंपनी पिरामिड के तहत एक के नीचे एक या दो या चार के नीचे चार मल्टीलेयर की तरह कार्य नहीं किया जा सकता है और ना ही जोड़ा जा सकता है इसके अलावा कंडिका 11a के अनुसार डायरेक्ट सेल में किसी को कमीशन नहीं दिया जा सकता है लेकिन इन लोगों के आईटीएम कंपनी के द्वारा कमीशन देने का झांसा देने का काम किया जा रहा है जो कि उपरोक्त नियमों के विपरीत है इसके अलावा उपरोक्त नियमों के तहत किसी भी व्यक्ति को कोई भी सामान या सर्विस खरीदने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है लेकिन इन लोगों की कंपनी के द्वारा सामान खरीदने के लिए बाध्य किया जा रहा है तथा 11c में यह भी दिया गया है कि इसमें कोई भी प्रवेश शुल्क लिया ट्रेनिंग शुल्क नहीं लिया जा सकता है लेकिन आईटीएम कंपनी के द्वारा विधिवत प्रत्येक बेरोजगार युवकों से 400 रुपए ट्रेनिंग के नाम पर लिया जा रहा है जो कि उपरोक्त दिशा निर्देश एवं भारत सरकार के गाइडलाइन के विपरीत है जो अपराधिक श्रेणी में आता है।
यही नहीं क्लोज-2 में डायरेक्ट सेलिंग बिजनेस के लिए क्या-क्या योग्यताएं एवं अहर्ता कंपनियों को होनी चाहिए वह दिया गया है लेकिन दिए गए नियमों का पालन आईटीएम कंपनी के द्वारा नहीं किया गया है और ना ही कोई पंजीयन उसके तहत कराया गया है जो कि अवैध एवं गलत है इसके अलावा कंडिका 7 में यह भी स्पष्ट रूप से दिया गया है कि कोई भी कंपनी लोक लुभावने एवं प्रलोभन देने वाला विज्ञापन नहीं दे सकता है और और ना ही किसी व्यक्ति को अधिक लाभ दिलाने का आश्वासन दे सकता है और ना ही किसी व्यक्ति को उक्त कार्य के लिए उत्साहित कर सकता है। लेकिन आईटीएम कंपनी के द्वारा सोशल नेटवर्किंग के माध्यम से लोक लुभावने एवं प्रलोभन देने वाला तथा अतिरिक्त धन अर्जित करने वाला विज्ञापन देकर लोगों को गुमराह कर रहा है जो कि एक अपराधिक कृत्य है।
भारत सरकार के नोटिफिकेशन के कंडिका क्रमांक 7 एच में यह स्पष्ट रूप से दिया गया है कि 1 से अधिक आदमी को जोड़ने के लिए पैसा नहीं दे सकते तथा लाभ अर्जित नहीं कर सकते लेकिन आईटीएम कंपनी के द्वारा एक से अधिक आदमी को जोड़ा जा रहा है पैसा जोड़ने के एवज में मोटी रकम भी ली जा रही है तथा लाभ अर्जित किया जा रहा है जो कि भारत सरकार के नोटिफिकेशन का उल्लंघन है तथा एक आपराधिक कृत्य है।
उक्त नोटिफिकेशन के क्लॉज-4 में यह दिया गया है कि आईटीएम कंपनी द्वारा जो भी सामान बेचा जा रहा है उसे वापस लेने का प्रावधान बनाना है लेकिन इस कंपनी के द्वारा जो सामान विक्रय किया जा रहा है उसे वापस लेने का कोई प्रावधान नहीं है आईटीएम कंपनी एक फर्जी कंपनी है जो ग्रामीण एवं शहरी नवयुवकों को अपने चंगुल में फंसा कर मोटी रकम वसूल रही है तथा कुछ युवकों द्वारा जो अपनी जमा रकम को वापस मांगा जाता है तो उसे वापस नहीं किया जाता है एवं ऐसे लड़कों को यह अपने कंपनी से बाहर निकाल देते हैं और डराते धमकाते भी हैं।
यही नहीं आईटीएम कंपनी का जो प्रतिवर्ष का एनुअल रिपोर्ट बैलेंस शीट है वह पूरा नील है जबकि इनके द्वारा प्रतिवर्ष करोड़ों रुपए का व्यवसाय किया जाता है एवं गरीब नवयुवकों से राशि वसूल की जाती है सिर्फ कंपनी का बैलेंस शीट नील दिखाकर शासन से लाखों रुपए की टैक्स की चोरी का भी काम करते हैं प्रोफिट डिक्लेरेशन है जो इस शिकायत के साथ संलग्न किया है, झूठा डिक्लेरेशन करना भी एक आपराधिक कृत्य है इसलिए उक्त कंपनी के विरूद्ध अपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाना आवश्यक है उक्त वार्षिक बैलेंस शीट भी पेश किया है,
यह के आईटीएम कंपनी के द्वारा जो एनुअल रिपोर्ट भारत सरकार को भेजा गया है उक्त रिपोर्ट के फॉर्मेट में शासन द्वारा स्पष्ट किया गया है तथा साफ तौर पर यह लिखा गया है कि अगर कोई भी कंपनी अपने एनुअल रिपोर्ट गलत दिया जाता है या गलत जानकारी दी जाती है तो उस कंपनी के विरुद्ध धारा 447, 448 , 449 कंपनी अधिनियम 2013 के तहत कार्यवाही किया जाएगा आईटीएम कंपनी के द्वारा भी अपना एनुअल रिपोर्ट गलत दिया गया है इसलिए भी कंपनी अधिनियम 2013 की धारा 447, 448, 449 के तहत आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाना आवश्यक है उक्त अधिनियम की फोटो प्रति शिकायत के साथ पेश किया है
आईटीएम कंपनी के द्वारा फेसबुक एवं अन्य डिजिटल माध्यमों से लोक लुभावने वादे फर्जी तरीके से कर के ग्रामीण एवं शहरी बेरोजगार युवकों को ठगा जा रहा है उक्त तरह के विज्ञापन के फोटो कॉपी शिकायत के साथ संलग्न किया गया है इस तरह के लोक लुभावने विज्ञापन देना तथा लोगों को भ्रमित करना एक साइबर क्राइम है उक्त संबंध में साइबर क्राइम प्रोविजन आफ इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी एक्ट 2000 की धारा 66सी, 66डी एवं 66ए(बी) का भी स्पष्ट उल्लंघन है
अगर किसी भी कंपनी का डायरेक्ट सेलिंग करने का बिजनेस करना रहता है तो उसके लिए भारत सरकार के कंजूमर एवं फूड मंत्रालय में पंजीयन करना पड़ता है इस तरह के दस्तावेज आईटीएम कंपनी के पास नहीं है और वह फर्जी तरीके से लोगों को बहला-फुसलाकर ठगी कर रहा है जिसके संबंध में अपराधिक प्रकरण संबंधित एजेंट एवं संचालक के विरुद्ध किया जाना आवश्यक है।
आईटीएम कंपनी के द्वारा कई फर्जीवाड़ा किया जा रहा है उक्त कंपनी के विरुद्ध विधिवत जांच किया जाए तो उसके सभी फर्जीवाड़ा एवं धोखाधड़ी का मामला प्रकाश में आएगा तथा तत्काल उक्त कंपनी के कार्यालय को सील किए जाने को मांग की गई है तथा प्रथम सूचना पत्र भी दर्ज कराने की मांग की गई है। तथा यह भी उल्लेख किया गया है कि अगर तत्काल कारवाही नहीं की गए तो वह सभी दस्तावेजों में फेरबदल कर सकते हैं एवं कार्यालय का बंद कर फरार हो सकते हैं।, तथा सैकड़ों बेरोजगार युवक को धोखा देकर फरार हो सकते है, जिस पर एसडीएम ने तत्काल कार्यवाही का आश्वासन दिया है।
आईटीएम कंपनी के विरुद्ध धोखाधड़ी करने संबंध में प्रथम सूचना पत्र दर्ज कराए जाने हेतु किया गया आवेदन