कोयला मजदूरों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल दूसरे दिन भी सफल-वेस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड पेंच एवं कन्हान एरिया की विभिन्न खदानों में पूरी तरह काम बंद रहा


छिंदवाड़ा- केंद्र सरकार जन विरोधी एवं श्रमिक विरोधी नीतियों एवं कोयला खदानों के कमर्शियल माइनिंग निर्णय के खिलाफ देशव्यापी तीन दिवसीय हड़ताल आज दूसरा दिन था जिसमें वेस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड जिला छिंदवाड़ा के अंतर्गत आने वाली पेंच एवं कन्हान एरिया की विभिन्न खदानों में पूरी तरह काम बंद रहा देश के लगभग सभी राज्यों में केन्द्रीय ट्रेड यूनियन संगठनों व विभिन्न फेडरेशनों ने मोदी सरकार की मजदूर और जन विरोधी नीतियों के खिलाफ आज विरोध प्रदर्शन किया। ज्ञात हो कि ये प्रदर्शन तब हो रहे हैं जब कोयला क्षेत्र के मजदूर सरकारी नीतियों के खिलाफ हड़ताल पर हैं,मजदूरों ने अपनी एकता का परिचय देते हुए राष्ट्रव्यापी हड़ताल को सफल बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया मोहन कॉल री अंबाला कॉलरी घोड़ा वाड़ी कॉलरी नंदन वाशरी  तानशी  कॉलरी एवं  नंदन क्षेत्र की सभी खदानों में  पूरी तरह काम ठप रहा सभी खदानों में श्रमिक कार्य पर उपस्थित नहीं रहे उत्पादन पूरी तरह ठप रहा वही कोल श्रमिकों के समर्थकों में आरडब्ल्यूएस हॉस्पिटल एवं जीएमओ के कर्मचारियों ने भी काम बंद हड़ताल का समर्थन कर अपनी सेवाएं अवरुद्ध रखी कोयला श्रमिक अपनी मांगों के समर्थन में विभिन्न स्थानों पर नारेबाजी करते रहे संयुक्त मोर्चा की तत्वाधान में देशभर में की जा रही राष्ट्रव्यापी हड़ताल को व्यापक जन समर्थन भी मिला है पांचों केंद्रीय श्रमिक यूनियनों एवं उनके सहयोगी जन संगठनों ने हड़ताल का पूरा समर्थन किया है मोदी सरकार लॉक-डाउन के आड़ में मजदूरों के सारे अधिकार छीनने के साथ-साथ, जनता की संपत्ति को निजी हाथों में बेच रही है। रेल, कोयला, डिफेंस, बीमा जैसे महत्वपूर्ण सेक्टरों में निजी कंपनियों को लूट की छूट दी जा रही है। ऐक्टू उन सभी बहादुर मजदूरों को सलाम करता है, जिन्होंने कोयला क्षेत्र को अपनी एकता के बल पर पूरी तरह से बंद कर दिया। मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ में प्रवासी मजदूरों को राशन के लिए भी संघर्ष करना पड़ रहा है। 41 कोयला खादानों की नीलामी वापस लेने, रेलवे, कोल, भेल, सेल, बीएसएनएल, डिफेंस, बैंक, बीमा सहित सार्वजनिक क्षेत्र का विनिवेशीकरण व निजीकरण बन्द करने, देश के प्राकृतिक संसाधनों को कॉरपोरेट को सौंपने की कार्यवाही को बन्द करने, श्रम कानूनों को स्थगित करने का फैसला रद्द करने, काम को 8 घंटे से बढ़ाकर 12 घंटे करने का आदेश वापस लने, प्रवासी मजदूरों के वेतन व रोजगार की गारंटी करने, मनरेगा में 200 दिन काम देने व 500/-रुपये मजदूरी देने, डीजल-पेट्रोल की मूल्य वृद्धि वापस लेने, सभी मजदूरों को 10,000/-रुपये लॉकडाउन भत्ता प्रति माह देने की गारंटी करने, कोरोना की आड़ में जनविरोधी व राष्ट्र विरोधी फैसले थोपना बन्द करने, 44 श्रम कानूनों की समाप्ति व मजदूरों के गुलामी के 4 कोड बनाने बन्द करने, प्रवासी समेत असंगठित मनरेगा, व सभी मजदूरों को 10,000/-रुपये लॉकडाउन भत्ता प्रति व्यक्ति 10 केजी मुफ्त अनाज व प्रवासी सहित सभी मजदूरों को गृह जिले में स्थाई रोजगार देने तथा 500/- दैनिक या 15000/-मासिक न्यूनतम मजदूरी करने की मांगें शामिल थीं।



डीके प्रजापति 
महासचिव 
 हिंद मजदूर किसान पंचायत मध्य प्रदेश