वरिष्ठ पत्रकार Ashok Kumar Navratan बने पीसीआई सदस्य, केंद्र सरकार ने की अधिसूचना जारी


नई दिल्ली -16 जून (वार्ता) 2 साल के लंबे संघर्ष के बाद आखिरकार मध्यम समाचार पत्र वर्ग को भारतीय प्रेस परिषद में प्रतिनिधित्व मिल ही गया। कोर्ट के आदेश के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने इस मामले को लेकर मंगलवार को सूचना जारी कर दी।
गौरतलब है कि 13वीं प्रेस परिषद के गठन को लेकर  पीसीआई ने मार्च 2018 को चयन प्रक्रिया जो की थी। प्रक्रिया के बाद मध्यम समाचार पत्र वर्ग की तरफ से इंडियन न्यूजपेपर सोसायटी एक प्रतिनिधि का नामांकन परिषद ने खारिज कर दिया था। इसको लेकर आई एन एस लगातार अदालती लड़ाई लड़ती आ रही है। बीते दिनों ऑल इंडिया स्माल एंड मीडियम न्यूज पेपर्स फेडरेशन के तरफ से दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की गई थी। 12 जून को याचिका का निपटारा करते हुए हाईकोर्ट ने 2 सप्ताह में अधिसूचना जारी करने के आदेश पारित किए थे।
यहां यह भी ज्ञात है कि इंडियन न्यूजपेपर सोसायटी (आईएनएस) इस मामले को लगातार अदालत में  लंबित  रखने का प्रयास  करता रहा है।
वर्ष 2018 में दाखिल आई एन एस की  याचिका का निपटारा करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने 4 फरवरी को टचिंग कामा के मामले में पुनर्विचार करने का आदेश प्रेस काउंसिल को दिया था। इसके बाद प्रेस काउंसिल ने 17 मार्च 2020 को श्री कामा के संबंध में आदेश पारित करते हुए उन्हें दोबारा अयोग्य करार दे दिया था। लेकिन INS इस मामले को लेकर एक बार फिर से कोर्ट चली गई। कोर्ट के आदेश पर सूचना प्रसारण मंत्रालय ने अधिसूचना को लंबित कर दिया था।  
इनकी नियुक्त से मझोले समाचार पत्रों के प्रकाशकों में खुशी की लहर पैदा हुई। अब प्रेस काउंसिल आॅफ इंडिया में मझोले समाचार के प्रकाशकों का भी भलिप्रकार पक्ष रखा जा सकेगा।
ऑल इंडिया स्माॅल एंड मीडियम न्यूजपेपर्स फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरिन्दर सिंह ने इनकी नियुक्ति पर इन्हे बधाई देते हुए इसे मझोले समाचार पत्रों के प्रकाशकों की जीत बताया है। इनकी नियुक्ति से प्रकाशकों के बेहतर पक्ष काउंसिल में रखा जा सकेगा। श्री नवरत्न मझोले समाचार पत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं तथा पिछले कई दशकों से प्रकाशकों के हितों के लिए सतत संघर्षरत हैं।
Sanjay Sharma