पटना-महान सर्वोदय नेता, बिहार राज्य खादी और ग्रामोद्योग बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष, 'बिहार खादी पुरुष' त्रिपुरारि शरण जी की सातवीं पुण्यतिथि खादी कार्यकर्ता, निवास, दक्षिणी मंदिरी, पटना में प्रभाकर कुमार, अध्यक्ष, बिहार स्टेट गांधी स्मारक निधि सह ग्राम निर्माण मंडल की अध्यक्षता में मनाई गई। उक्त अवसर पर 'खादी और ग्रामोद्योग में रोजगार की संभावनाएं' विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन भी किया गया जिसमें अपने विचार व्यक्त करते हुए प्रभाकर कुमार ने कहा कि आज की परिस्थिति में खादी और ग्रामोद्योग में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं। इस के माध्यम से बेरोजगारी समाप्त की जा सकती है। सरकार और समाज को मिलकर ग्राम स्वराज की कल्पना को आगे बढ़ाते हुए कृषि ग्रामोद्योग और खादी के लिए मिलकर योजना बनाने की आवश्यकता है ताकि बेरोजगारी दूर की जा सके । इस अवसर पर उन्होंने कहा कि सरकार खादी और ग्रामोद्योग संस्थाओं की बकाया रिवेट की रकम अविलंब भुगतान करें ताकि उन करोड़ों राशि का उपयोग बुनकर, कत्तिन और अन्य कामगारों के रोजगार के लिए किया जा सके। खादी और ग्रामोद्योग संस्थाएं नो लॉस और नो प्रॉफिट के आधार पर संचालित होती हैं। खादी और ग्रामोद्योग आयोग और बिहार राज्य खादी और ग्रामोद्योग बोर्ड के ऋण के आधार पर ये संस्थाएं चलती हैं। लॉक डाउन की अवधि में इन संस्थाओं के खादी भंडार और उत्पादन केंद्र बंद रहे परंतु सभी कत्तिन, बुनकर और अन्य कामगारों को वेतन और मजदूरी भुगतान करना पड़ी जिसके कारण खादी संस्थाओं की स्थिति बहुत ही चरमरा गई है। उक्त रकम की भरपाई सरकार को करनी चाहिए । हम सरकार से मांग करते हैं कि लॉक डाउन की अवधि में संस्थाओं पर पड़ी आर्थिक बोझ सरकार वहन करे। बिहार खादी पुरुष का सपना था कि बिहार में खादी पुनरुद्धार योजना लागू की जाए परंतु सरकार ने उस योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। हम सरकार से यह भी मांग करते हैं कि खादी पुनरुद्धार योजना सरकार हूबहू लागू करे जिसे बिहार खादी पुरुष ने प्रस्तावित किया था। उक्त अवसर पर बिहार स्टेट गांधी स्मारक निधि के मंत्री विनोद रंजन, बिहार - झारखंड बचपन बचाओ आंदोलन के संयोजक डॉ मोख्तारूल हक, छात्र युवा संघर्ष वाहिनी के निर्मल, ग्राम निर्माण मंडल खादी और ग्रामोद्योग समिति के व्यवस्थापक सुरेंद्र सुमन आदि ने अपने विचार व्यक्त किए।
प्रभाकर कुमार, अध्यक्ष, बिहार स्टेट गांधी स्मारक निधि सह ग्राम निर्माण मंडल
महान सर्वोदय नेता,'बिहार खादी पुरुष' त्रिपुरारि शरण