कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने लद्दाख की गलवां घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवानों के शहीद होने को लेकर गुरुवार को फिर से सरकार पर निशाना साधा और सवाल किया कि हमारे सैनिकों को शहीद होने के लिए निहत्थे क्यों भेजा गया।
उन्होंने एक पूर्व सैन्य अधिकारी के साक्षात्कार का उल्लेख करते हुए ट्वीट किया, 'चीन की हिम्मत कैसे हुई उसने हमारे निहत्थे सैनिकों की हत्या की? हमारे सैनिकों को शहीद होने के लिए निहत्थे क्यों भेजा गया?'
कांग्रेस नेता ने बुधवार को भी इस मामले पर सवाल किया था, 'प्रधानमंत्री खामोश क्यों हैं? वह छिपे हुए क्यों हैं? अब बहुत हो चुका। हमें यह जानने की जरूरत है कि क्या हुआ है।' उन्होंने कहा था, 'हमारे सैनिकों की हत्या करने की चीन की हिम्मत कैसे हुई? हमारी भूमि पर कब्जा करने की उनकी हिम्मत कैसे हुई?'
गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख की गलवां घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हुई झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए। वहीं, सूत्रों ने बताया कि इस झड़प में चीनी सेना के 35 जवान हताहत हुए। उन्होंने बताया कि इस संख्या में मारे गए जवान और घायल हुए जवान दोनों शामिल हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शहीद हुए जवानों को लेकर कहा है कि मैं देश को भरोसा दिलाना चाहता हूं कि हमारे जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। हमारे लिए भारत की अखंडता और संप्रभुता सर्वोच्च है और इसकी रक्षा करने से हमें कोई भी रोक नहीं सकता। भारत शांति चाहता है लेकिन भारत उकसाने पर हर हाल में यथोचित जवाब देने में सक्षम है। भारत शांति चाहता है, लेकिन जवाब देना भी जानता है। भारत अपनी अखंडता से समझौता नहीं करेगा। हमारे जवान मारते-मारते मरे हैं।