लॉक डाउन में कोरोना फैला तो  शराब बिक्री के फैसले के कारण फैलेगा* किसान संघर्ष समिति

 


 *अंतर्राज्यीय प्रवासी कर्मकार(रोजगार का नियमन एवं सेवा शर्तें अधिनियम 1979) को सख्ती से लागू करें केंद्र सरकार*
*औरंगाबाद में मजदूरों की मौत के लिए केंद्र सरकार जिम्मेदार*
 *17 मई के बाद रेल और बस सेवाएं शुरू करे सरकार* 


*लॉक डाउन में कोरोना फैला तो 
शराब बिक्री के फैसले के कारण फैलेगा* 


किसान संघर्ष समिति के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ सुनीलम ने औरंगाबाद में मालगाड़ी से कटे 16 श्रमिकों की मौत को संस्थागत मौत बतलाते हुए कहा है कि केंद्र सरकार इन मौतों के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार है क्योंकि प्रधानमंत्री द्वारा अचानक लॉकडाउन किया गया तथा प्रवासी श्रमिकों की गृह वापसी का कोई  इंतजाम 45  दिन के बावजूद अब तक  नहीं किया गया , इस कारण लोग भुखे मरने से बचने के लिए पैदल लौटने को मजबूर हैं। उन्होंने औरंगाबाद में ट्रेन से कटकर मरने वालों के परिवार को एक करोड़ का मुआवजा देने की मांग की है।
       डॉ.सुनीलम ने कहा कि देश में अंतर्राज्यीय प्रवासी कर्मकार (रोजगार का नियमन एवं सेवा शर्तें अधिनियम 1979 )
2 अक्टूबर 1980 से प्रभावशील होते हुए भी इस कानून का पालन केंद्र सरकार द्वारा नही कराया गया। इस कानून में रोजगार देने वाले ठेकेदार अथवा शासकीय संस्थान की जिम्मेदारी तय की गई है।
           डॉ.सुनीलम ने बताया कि वे एक माह से सिहोर में फंसे 11 श्रमिकों को उत्तर दिनाजपुर पंहुचाने,अहमदाबाद में फंसे सागर के 12,रायसेन जिले के 28, हैदराबाद मे फंसे रीवा जिले के 13 सतना के 9,  बैतूल जिले के 14 श्रमिक तेलंगाना के राजमुंदरी में तथा 30 श्रमिक आंध्रप्रदेश के चित्तुर मे फंसे है।   रीवा के 48 श्रमिक मुम्बई में  तथा 5 श्रमिक पनवेल में फंसे है। उत्तरप्रदेश के उन्नाव जिले के बैतूल जिले में फंसे 4 लोगों को भेजने के लिए प्रयासरत है। संबंधित सभी जिलाधीशों,मुख्यमंत्रीयों तथा भोपाल स्थित कोरोना कंट्रोल रूम में राज्यों में समन्वय करनेवाले नं.07552411180 पर सुचना दी गई है।इसके बावजूद भी अभी तक इन श्रमिकों को अपने गृह गांव जाने की व्यवस्था नहीं हो सकी हैं । लॉकडाउन लगने के 45 दिन बाद भी लोगों का पैदल जाना और रास्ते में मौत  होना प्रवासी मजदूरों के प्रति अमानवीय, बर्बरतापूर्ण एवं असंवैधानिक रवैया का परिचायक है ।. इन श्रमिकों के खाते में ना तो शासन की ओर से कोई पैसा डाला गया है ना कोई राशन की व्यवस्था की गई।
डॉ सुनीलम ने सभी प्रवासी मजदूरों के खाते में  दस हजार रूपये डालने तथा  केन्द्र सरकार से अविलम्ब घर वापसी की व्यवस्था करने तथा 17 मई के बाद देश भर में रेलगाड़ियां तथा बसें शारिरिक दूरी के मापदंडों के साथ चलाने की अपील की है उन्होंने कहा कि केवल लॉक डाउन से  कोरोना संक्रमण से नहीं 
निपटा जा सकता ,ताइवान और स्वीडन ने बिना लॉक डाउन किये कोरोना को काबू किया है।
डॉ सुनीलम ने कहा यदि देश मे तेजी से कोरोना लॉक डाउन के दौरान फैलेगा तो इसके लिए वे राज्य सरकारें जिम्मेदार होंगी जिन्होंने शराब बिक्री से राजस्व कमाने के लिए अपने प्रदेश की जनता को मौत के मुंह मे धकेल दिया है।