व्यंग और मुद्दे की बात
आओ मिल के मोई जी, की तारीफ करे, उनके वो "काम" गिनाये जिससे गरीबों का भला हुआ हो ! मोई जी ,आपने तो शंख-घंटी बजवा दिए , थाली पिटवा दिए ,पटाखे फुड़वा दिए , दिया बत्ती जलवा दिए ,फूल भी चढ़वा दिए , अब लगे हाथ प्रसाद वितरण भी करवा देते आपके भक्त इंतजार में बैठे पड़े है।
मोई साहब, ये तो गलत बात हुई आप चाय से कहाँ तक पहुंच गए लेकिन एक गरीब कोरोना के चलते चाय नहीं बेच सकता है परन्तु एक अमीर शराब बेच सकता है अच्छे दिन आ गए ! ऐसा भेदभाव ठीक नहीं ! सॉरी एक गरीब चाय वाला।
मोई जी , आपसे एगो सवाल पूछे ? भारत को छोड़ कर दुनिया का ऐसा कौन कौन सा देश है जो अपने नागरिको से महामारी से लड़ने के लिए पैसे माँगा हो ? बस ऐसे ही जेनरल नॉलेज के लिए पूछे थे। बुरा मत मानियेगा।
मोई जी , कोरोना से ज्यादा अन्य कारणों से लोगो की मृत्यु हुई उसका डाटा आखिर क्यों नहीं है सरकार के पास ? सिर्फ कोरोना ही लोगो के मृत्यु बड़ा कारण था या अन्य कारण ? या सीधे तौर पर कोरोना की आड़ में गन्दी राजनीति ? दारू का ठेका खुल सकता है लेकिन अन्य व्यवसाय नहीं ! मोई जी ,जरा आप ही सोचो ना की दो पैग गटकने के बाद नियम, कानून, व्यवस्था, सिस्टम की धज्जियाँ कौन लोग उड़ाते है ! 40 दिनों से भी ज्यादा दिनों तक अपने घरो में कैद रहने के बाद अगर कोई चीज की आजादी मिली तो वो दारु ,शराब ! वाह मोई जी , वाह !
ना बच्चो की चिंता ,ना महिलाओं की चिंता ,ना बीमारों की चिंता ! अगर चिंता थी तो केवल बेवड़ो की। शाबाश मोई जी ,शाबाश, खूब भालो। अब तो कोरोना को देखते हुए पियक्कड़ के लिए होम डिलीवरी की सुविधा भी मिलना चाहिए आखिर देश की अर्थव्यवस्था की बात है। शराब की दुकानें खुलवायी जा रहीं हैं RBI गवर्नर ने कहा है की 2 से 3 क्वार्टर में अर्थव्यवस्था पटरी पर आ जायेगी। मोई जी ,हम भी देशभक्त है ! हम भी योगदान देंगे अर्थव्यवस्था को पटरी में लाने के लिए 2 से 3 क्वार्टर हम भी मार लेंगे। कौनो दिक्क्त तो नहीं ? हमारे पड़ोसी वाली चच्ची बोल रही थी की तुमरे चच्चा भोरे से चालू है कहते है देश की अर्थव्यवस्था का सवाल है तो हमभी मना नहीं किये। लो मोई जी ,देश की जनता बहुत सीरियस हो गए है देश की अर्थव्यवस्था को ठीक करने में। आप तनिको चिंता मत कीजिये आप ,नीरव ,माल्या ,अडानी पर ध्यान दीजिये बेचारे गरीब हो गए है कर्ज माफ़ी वाफी कर दीजिये अरे नहीं आप तो बड़े दयालु है मुझे पता है आप उनसब पर दया जरूर करेंगे।
- राजू मुर्मू
सिटीजन जर्नलिज़म फोरम