यह विज्ञान का युग है l अंधविश्वास छोड़ कर समय के साथ चलिए

यह अच्छा है कि इस वक्त नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री हैं इसलिए दूसरी तरफ के जाहिल गंवारों की मूर्खताएं नज़र में नहीं आ रही l कोरोना महामारी घोषित होने के बाद मार्च में दिल्ली में एक समारोह आयोजित किया गया था जिसमे बहुत से लोग इकट्ठे हुए थे उन्होंने सामूहिक रूप से गोबर खा कर गौमूत्र पान करके विश्व को यह सन्देश दिया था कि कोरोना की अक्सीर दवा तो हमारे पास पहले से मौजूद है l थाली बजाने का ध्वनि विज्ञान समझाने वाले बहुत से वैज्ञानिक सामने आए जिनसे सदी के महानायक भी प्रभावित हो गए थे l शिव पुराण में कोरोना जीव के बारे में पहले ही लिख दिया गया था l अर्थात दुनिया बहुत पीछे और हम बहुत आगे हैं l कोरोना की झाड़ फूक करने वाले और तावीज़ बांटने वाले बाबाओं की चर्चा होने लगी l अनुलोम विलोम और कपाल भांति को कोरोना से लड़ने का इलाज बताया जाता रहा l आयुष मंत्रालय ने इन सब अवैज्ञानिक  बातों पर कोई संज्ञान नहीं लिया l और तो आई टी सेल के माध्यम से इस तरह की फर्जी और अंधविश्वास भरी जानकारियां वायरल की गई ताकि लोगों का हिन्दू धर्म में विश्वास जमा रहे ,डिगे नहीं l


अगर केन्द्र में कांग्रेस की सरकार आस्था और विश्वास का सवाल उठाकर भगवा ब्रिग्रेड हाय तौबा मचा देती और सरकार की नाक में दम कर देती l 
मरकज़ की जो मूर्खताएं सामने आ रही है उसका दूसरा पक्ष यह है l दोनो अपनी धार्मिक मान्यताओं को विज्ञान से ऊपर मानते है l शोध और अनुसंधान से प्राप्त नई नई वैज्ञानिक जानकारी उनके किसी काम की नहीं है वे आज भी हज़ारों साल पहले लिखी गई किताबो से चिपके हुए है l उनमें ही वे हर बीमारी का इलाज खोज लेते है और उनके अनुसार ही वे पति पत्नी के सम्बन्धो व्याख्या करते है l
यह विज्ञान का युग है l अंधविश्वास छोड़ कर समय के साथ चलिए l सारी दुनिया आपकी मूढ़ता और मूर्खता देख रही है l


गोपाल राठी