शिवराज सरकार मजदूरों का साथ दें ; अन्य राज्यों मे फंसे मजदूरों को वापस लाने के लिए सरकारी व्यवस्था करें !!*

*71 लाख बिना राशन कार्ड वाले पात्र व्यक्तियों सहित सभी को सितंबर तक अनाज, दाल तेल और राशि उपलब्ध करें !_


_अनाज मजदूरों के खाने के लिए इस्तेमाल हो, सैनिटाईजर बनाने के लिए नहीं_


*जागृत आदिवासी दलित संगठन ने आज मध्य प्रदेश के मुख्य मंत्री से मांग किया कि अन्य राज्यों में फंसे प्रदेश के मजदूरों को वापस लाने के लिए प्रदेश सरकार निशुल्क व्यवस्था करें । उल्लेखनीय है कि कल 26 अप्रैल को ज़री आदेश द्वारा म.प्र. शासन ने अन्य राजों मे फंसे लोगों को अपने स्वयं के व्यवस्था से वापस लौटने की बात की है । परंतु एक माह से ज़्यादा लॉक डाउन के कारण मजदूरों के पास वापसी के लिए पैसे नहीं बचे हैं । तमाम शासकीय आदेशों के बावजूद मजदूरों को अपने खाने और अन्य जरूरतों का खर्च खुद उठाना पड़ा था । संगठन ने मुख्य मंत्री को याद दिलाया कि प्रदेश में रोजगार के अवसर नहीं विकसित किए जाने के कारण ही मजूरों को बाहर जाना पड़ता है, तो कम से कम इस संकट के घड़ी मे सरकार ने साथ देना चाहिए और अन्य राज्य शासनों से समन्वय बना कर मजदूरों को अपने अपने घर पहुंचाना चाहिए ।* 
संगठन ने यह भी मांग किया कि खास काम के सीज़न मे लंबे लॉक डाउन के चलते मजदूरों के परेशानी को देखते हुए माह सितंबर तक उन्हें *प्रति व्यक्ति प्रति माह 10 किलो अनाज, 1 किलो दाल, ½ किलो खाद्य तेल और अन्य खर्चों के लिए प्रति राशन कार्ड पर 500 रु राशि दिया जाना चाहिए* । खाद्यान विभाग द्वारा पिछले वर्ष किए अनुमान के मुताबिक लगभाग *71 लाख लोग हैं जो राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत राशन के पात्र हैं पर राशन प्रणाली से बाहर हैं*। इनका सर्वे चल ही रहा था पर लॉक डाउन के कारण रुक गया । मात्र 31.9 लाख लोगों का ही पहचान हो पाया था, जिन्हे एक बार 5 किलो देने का प्रावधान किया गया। यह बिलकुल पर्याप्त नहीं है और अधिकांश जिलों मे अभी लागू भी नहीं हुआ है । पात्रता श्रेणी में आने वाले सभी व्यक्तियों को राशन कार्ड धारियों के समान राशन दिया जाना चाहिए । 
इस समय सरकारी गोदाम भरे हुए है, उनमे बफर जरूरतों से 4 गुना ज़्यादा अनाज है । यह अनाज मजदूरों को भूखमरी से बचाने के लिए इस्तेमाल हों, न की सैनीटाईज़र बनाने जैसे कामों के लिए । उल्लेखनीय है की कुछ दिन पहले केन्द्रीय शासन ने  एफ़सीआई गोदामों मे रखें चावल से सैनीटाईज़र बनाने के लिए अनुमति दी थी ।