प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री इस दौर में अंधविश्वास को दरकिनार करके विज्ञान और मेडिकल सुविधाओं पर ध्यान देंगे तभी भारत बच सकता है अन्यथा भारत को श्मशान घाट बनने से कोई नहीं रोक सकता।

यह ताज्जुब और दुख की बात है कि बिहार जैसे पिछड़े राज्य के मुख्यमंत्री केंद्र से विशेष सहायता मांगते हैं 500000 पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट मांगते हैं चंद्र मात्र 4000 उपलब्ध करवा पाता है इसका मतलब क्या है?


हम उस महामारी से मुकाबला करने के लिए निकले हैं जो दुनिया के तमाम विकसित देशों को तबाह कर चुका है उनकी तमाम मेडिकल फैसिलिटी जो हमारे यहां के मुकाबले  उच्च क्वालिटी और गुणवत्तापूर्ण है उनका हेल्थ बजट हम से कई गुना अधिक है बावजूद वे तबाह हो रहे हैं।


इस स्थिति में भारत अपने डॉक्टरों  स्वास्थ्य  सफाई कर्मचारियों को सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराने में नाकाम है तो आप समझ जाइए यह स्थिति भारत को तबाह कर सकती है जिस रफ्तार से कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ रही है उस रफ्तार से सरकार की संवेदनशीलता नहीं बढ़ रही यह बड़े दुख की बात है।


मैं बिहार का निवासी हूं इस खबर को पढ़कर दुखी हूं पीड़ित हूं जिस दौर में दुनिया पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट टेस्टिंग की इत्यादि के मैन्युफैक्चरिंग और लोगों तक सुलभ तरीके से उपलब्ध कराने में लगी हुई है उस दौर में भारत के प्रधानमंत्री दिया जलाने और मुख्यमंत्री उनका अनुसरण करने में व्यस्त है।


दीया जलाने का बात निश्चित तौर पर सम्मान योग्य है इसका पालन करना चाहिए परंतु माननीय प्रधानमंत्री जी जब हमारे डॉक्टर सफाई कर्मचारी स्वास्थ्य कर्मचारी के पास पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट नहीं रहेंगे तो वह किस तरीके से करोना से लड़ेंगे इसका जवाब आपको जनता को देना चाहिए।


बिहार के मुख्यमंत्री ने आज  प्रेस रिलीज जारी करके यह कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा घोषित 5 अप्रैल को रात्रि 9:00 बजे 9 मिनट तक दिया जलाने के बात का समर्थन करते हैं और बिहार वासियों का आवाहन करते हैं मुख्यमंत्री जी को इस समय बिहार  के डॉक्टर और मरीज पर ध्यान देना चाहिए पेशे से इंजीनियर हैं बावजूद इसके इस अंधविश्वास में भरोसा करते हैं यह मेरे जैसे प्रगतिशील व्यक्ति के लिए सबसे बड़ी दुख कि बात है।


दुनिया में जिस तरीके का ट्रेन है वह सबसे चिंताजनक और खतरनाक है यदि हमारे नेता खासकर से सत्ताधारी दल के प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री इस दौर में अंधविश्वास को दरकिनार करके विज्ञान और मेडिकल सुविधाओं पर ध्यान देंगे तभी भारत बच सकता है अन्यथा भारत को श्मशान घाट बनने से कोई नहीं रोक सकता।


राजीव कुमार