मध्यप्रदेश_के_अलावा_बाकी_प्रदेशों_में_खरीद

 
🔴 गलत फैसला बदला जाए ; #सीपीएम 
🔴 केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री ने पांच अप्रेल को ट्वीट कर किसानों से चना, मसूर और सरसों की खरीद न्यूनतम समर्थन पर सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकारों से कहा है। मगर इसमें मध्यप्रदेश का नाम गायब है। 
🔴मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव #जसविंदर_सिंह ने बताया कि प्रदेश में गेहूं सहित रबी की फसलों की खरीदी 25 मार्च से शुरू होने वाली थी, मगर कोरोना संकट के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था। अब केन्द्रीय कृषि मंत्री के ट्वीट में भी मध्यप्रदेश का नाम गायब होने ने साफ कर दिया है कि भाजपा को मध्यप्रदेश के किसानो को उनकी मेहनत का घोषित सरकारी दाम दिलाने में कोई दिलचस्पी नहीं है।
🔴 विडम्बना यह है कि कृ़षि और कल्णाण मंत्री का संबंध मध्यप्रदेश से ही है। न जाने वे किन गुनाहो की सजा प्रदेश के रबी उत्पादक किसानो को दे रहे हैं ?
🔴 माकपा नेता ने बताया कि मध्यप्रदेश में 4.64 लाख किसानों ने चना, 1.14 लाख किसानों ने मसूर और 1.05 लाख किसानों ने सरसों उत्पादक किसान के रूप में पंजीयन करवाया है। मगर एक तरफ रबी की फसल कटाई में समस्या आ रही है दूसरी तरफ बेमौसम बरसात से भी फसल को नुकसान हुआ है। इसका सर्वे तक नहीं हो पाया है। अब सरसों, मसूर, चना की खरीदी से बाहर कर केन्द्र सरकार ने साबित कर दिया है कि वे किसानों को लूटने वाले व्यापारियों के साथ हैं, किसानो के साथ नहीं है।
🔴जसविंदर सिंह के अनुसार यह तब है, जब मध्यप्रदेश में भी अब तो जनादेश को उलट कर भाजपा सरकार सत्ता में आ गई है। माकपा ने केन्द्रीय कृषि मंत्री से मांग की है कि मध्यप्रदेश में भी एमएसपी पर किसानों की रबी की फसल की खरीदी सुनिश्चित करने की पहल करें।


जसविंदर सिंह