मधु लिमयेजी की जयंती के साथ मजदूर दिवस मनाया जाएगा

 


मई दिवस पर विशेष


दुनिया के मजदूरों के साथ एकजुटता जाहिर करने के लिए देशभर मे होंगे विविध कार्यक्रम



    मुलताई के पूर्व समाजवादी विधायक और जन आंदोलनों के नेता डॉ सुनीलम ने बताया है कि  कल मई दिवस के अवसर पर अलग अलग संगठनों द्वारा एकजुटता कार्यक्रम 
आयोजित किये गए हैं।
 134 वर्ष पहले अमेरिका के शिकागो शहर मे 1 मई 1886 को लाखों मजदूरों ने काम के घण्टे 8 घण्टे सीमित किये जाने को लेकर हड़ताल की थी।आन्दोलन पर 4 मई को हेमार्केट में पुलिस  गोलीचालन हुआ , जिसमें 4 मजदूर शहीद हुए ।  हिंसा का जिम्मेदार ठहराते हुए 7 मजदूर नेताओं को मौत की सजा सुनाई गई। 11 नवंबर1887  में उन्हें फांसी हुई।
1889 में  पेरिस में  अंतरराष्ट्रीय समाजवादी सम्मेलन  हुआ जिसमें दुनिया भर में मजदूर दिवस मनाने का फैसला किया।
तब से आज तक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मई दिवस मनाया जाता है।
     इस बार का 1 मई 2020 को मई दिवस दुनिया भर में लॉक डाउन की स्थिति में मनाया जाएगा।
डॉ सुनीलम ने कहा कि आने वाला समय मजदूरों के लिए अत्यंत चुनौतीपूर्ण है क्योंकि दुनिया भर में कार्यरत अरबों मजदूरों का रोजगार आर्थिक मंदी से प्रभावित होने वाला है,करोड़ों का बेरोजगार होना तय है। भारत में कार्पोरेटमुखी मोदी सरकार ने पहले ही 44 श्रम कानूनों को खात्मा कर उनको 4 श्रम कोड में बदल दिया है। जिससे 54 करोड़ श्रमिक प्रभावित हुए हैं।
सरकार मजदूरों से कानूनी तौर पर आठ घण्टे की जगह बारह घण्टे काम लेने  की तैयारी में है। कर्मचारियों को डी ए नही देने का फैसला हो चुका है। देश भर के कल्याण बोर्ड में जमा चालीस हजार करोड़ रुपये को सरकार हड़पना चाहती है।अचानक लॉक डाउन किये जाने के चलते गांव से शहरों में आये मजदूर भुखमरी की कगार पर हैं तथा लॉक डाउन से लगातार प्रताड़ित किये जा रहे हैं।लॉक डाउन के बाद से अब तक 200 मजदूर शहीद हो चुके है।इस परिस्थिति में जबकि केन्द्र सरकार  द्वारा सभी संसाधान श्रमिकों के कल्याण हेतू  झोंक देने चाहिए थे। सरकार ने 43 करोड़ श्रमिकों के खाते में प्रतिमाह पांच हजार रुपये जमा करने की मांग स्वीकार कर दी ,सभी श्रमिकों को  भोजन व्यवस्था किये जाने के बजाय सरकार  कार्पोरेट को लगातार छूट देने की नीति पर कार्य कर रही  है। हाल ही में एक आर टी आई से खुलासा हुआ है कि पचास औद्योगिक घरानों का 68,000 करोड़ का  कर्जा, बट्टे खाते में डाल दिया गया है। केन्द्र सरकार लॉक डाउन के दौरान छात्र आंदोलन, सी ए ए -एन आर सी - एन पी आर विरोधी आंदोलन को कुचलने के लिए
लगातार  लोकतंत्रवादियों और मानवाधिकारवादियों की गिरफ्तारी कर संवैधानिक मूल्यों पर लगातार कुठाराघात कर रही है।
      उन्होंने बताया कि मई दिवस के अवसर पर दुनिया भर के मजदूर पूंजीवादी व्यवस्था के खिलाफ एकजूट होकर संघर्ष करने का संकल्प लेते हैं। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी देश भर के श्रमिक संगठनों  द्वारा उक्त मुद्दों  को लेकर  कार्यक्रम आयोजित करने की अपील की गई है।
 एक अपील हरभजन सिंह सिद्धू ( महामंत्री ) के नेतृत्व कार्यरत  समाजवादियों  के मजदूर संगठन  हिंद मजदूर सभा के साथ दस केंद्रीय मजदूर संगठनों ने मिलकर की है , जिसमें एटक, इंटक, सीटू  यूटीयूसी,टी यू सी सी एआईयूटीयूसी  ,एआईसीसीटीयू,एलपीएफ एवम सेवा शामिल हैं ।
          मई दिवस के अवसर पर  महाराष्ट्र के  जनांदोलन के साथियों  द्वारा अपने अपने स्थानों पर रहकर सभी को भोजन दिये जाने,प्रवासी श्रमिकों को सरकार द्वारा वापस भेजे जाने की व्यवस्था करने, श्रमिकों की बकाया राशि का भुगतान करने, श्रमिकों को न्यूनतम वेतन उनके खाते में जमा करने आदि मांगों को लेकर सूर्योदय से सूर्यास्त तक भुख हड़ताल करने का निर्णय लिया  है। महाराष्ट्र से अपील करने वालों में डॉ बाबा अढ़ाव,सुभाष लोमटे,उल्का महाजन, मुक्ता श्रीवास्तव, नितिन पवार तथा चंदन कुमार शामिल हैं। 97 वर्षीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवम वरिष्ठ समाजवादी डॉ जी जी परीख जी भी उपवास कर रहे हैं।
   दक्षिण भारत के सामाजिक कार्यकर्ता ,ट्रेड यूनियन के कार्यकर्ता ,बुद्धिजीवी, एवं किसान नेता मिलकर मई दिवस के अवसर पर महात्मा गांधी, बाबा साहब   की फोटो पर माल्यार्पण कर कार्पोरेट को छूट और किसानों और मजदूरों की लूट के खिलाफ दिन भर उपवास का कार्यक्रम आयोजित किया  है। जिसमें 102 वर्षीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एच एस दुराई स्वामी,देवनूर महादेव, पद्मश्री गणेशदेवी,कर्णाटक रैयत संघ के कोडनहल्ली चंद्रशेखर, जनवादी महिला संगठन  ,पूर्व उपसभापति कर्नाटक विधान परिषद बी आर पाटिल सहित अनेक पूर्व मंत्री एवं पूर्व विधायक शामिल है। 
      इसी तरह देश के समाजवादियों ने विश्व मजदूर दिवस के शहीदों ,लॉक डाउन के शहीदों की स्मृति में मई दिवस पर एक दिन का उपवास करने का निर्णय लिया है ।मधु लिमयेजी की जयंती के साथ मजदूर दिवस मनाया जाएगा । यह  अपील करने वालों में  96 वर्षीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी  जमुना प्रसाद बोस, नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी,सागिर अहमद बंदायू , राजकुमार जैन (दिल्ली), राजनाथ शर्मा(बाराबंकी) आदि शामिल हैं।
 350  जन आंदोलनों का राष्ट्रीय समन्वय द्वारा मई दिवस के अवसर पर 11 बजे से  दोपहर
1 बजे के बीच श्रमिकों का श्रम कितना, हक कितना ,हिसाब करो,हिसाब दो । विषय पर ई सेमिनार आयोजित किया जा रहा है  ।जिसमें सुश्री मेधा पाटकर (बड़वानी), गीता रामकृष्णन (चेन्नई),कालादास (भिलाई),आशीष रंजन(अररिया)अपने विचार रखेंगे ,आम नागरिक भी सेमिनार में भाग ले सकते हैं।
     डॉ  सुनीलम ने बताया है कि वे भी कल उपवास करेंगे ,उन्होंने आम नागरिकों से  अनुरोध है कि वे  भी मई दिवस के अवसर पर सुबह से शाम तक उपवास रखकर दुनिया और देश के श्रमिकों के साथ एकजुटता प्रदर्शित करें। 
डॉ  सुनीलम कल 1 मई 2020 को शाम 4 बजे फेस बुक लाइव रहेंगे ।