लॉकडाउन की घोषणा से ठीक पहले देश में अचानक से विदेश से आने वाली चार्टर्ड फ्लाइट की संख्या में तेजी से उछाल आया था।

चूंकि मोदी का कोई विकल्प नहीं है इसलिए... 


आपके लिए यह जानना बेहद जरूरी है कि लॉक डाउन की घोषणा से पहले भारत में लैंड हुईं थी 102 प्राइवेट चार्टर्ड फ्लाइट और इनमें कौन लोग सवार थे?


एक तरफ जहां मजदूरों को लॉकडाउन में जहां है वहीं रोके जाने की खबरें आ रही हैं, यह भी जान लेना समीचीन होगा कि लॉकडाउन की घोषणा से ठीक पहले देश में अचानक से विदेश से आने वाली चार्टर्ड फ्लाइट की संख्या में तेजी से उछाल आया था।


हम जानते हैं कि मोदी सरकार ने 21 मार्च को विदेश से आने वाली कॉमर्शियल फ्लाइट्स पर रोक लगा दी थी लेकिन उसके ठीक पहले के दो हफ्तों में यूके और यूरोप के फ्रांस, जर्मनी, स्विटजरलैंड आदि देशों से कम से कम 102 प्राइवेट चार्टर्ड फ्लाइट भारत में लैंड कर चुकी थीं। यह आश्चर्यजनक संख्या थी।


बड़े अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर तो वैसे ही हमारे यहां पहले से ही बहुत एयर ट्रैफिक रहता है, इन चार्टर्ड उड़ानों को उतारने के लिए न जाने कितनी फ्लाइट्स को रोका गया होगा? या लेट किया होगा? इन चार्टर्ड फ्लाइट्स में देश के बड़े-बड़े बिजनेसमैन और संभवतः पॉलिटिशियन के बेटे-बेटी सवार थे।


इन्हें जिन विमानों से लाया गया उनमें दसॉल्ट फॉल्कन 2000, बॉम्बर्डियर चैलैंजर सीरीज और हॉकर बिजनेस एयरक्राफ्ट जैसे विमान थे जो भारत में देखना दुर्लभ माने जाते हैं। इन सभी फ्लाइटस का बंदोबस्त एक ही एविएशन फर्म ने किया। जिसका नाम है जेटसेटगो। इस विमानन कम्पनी को भारत की ‘उबर ऑफ स्काइज़’ के तौर पर जाना जाता है। इन चार्टर्ड फ्लाइट्स में से 85% में केवल एक से तीन लोग तक ही सवार थे। एक-एक फ्लाइट की कीमत 90 लाख रुपये के लगभग वसूली गई।


जैसे यह कहा जाता है कि कुछ बड़े मित्र उद्योगपतियों को आने वाले बड़े निर्णय की पहले खबर हो जाती है, जैसा नोटबंदी के दौरान भी सामने आया था, कुछ वैसा ही यहाँ भी हुआ। इतनी बड़ी संख्या में और इतनी महंगी कीमत देकर चार्टर्ड फ्लाइट्स का अरेंजमेंट करना यह दर्शाता है कि बड़े उद्योगपतियों के बीच यह पहले ही यह सूचित कर दिया गया था कि देश लंबे समय के लिये लॉकडाउन में जाने वाला है।


लेकिन ऐसे हिंट कामगार मजदूरों के लिए बिल्कुल नही थे। वो थाली-ताली बजाने को सबसे बड़ा पुण्य समझते रहे। वैसे भी उनके लिए मोदी जी माफी मांग चुके है। इसलिए गुस्सा थूक दीजिए... माफ कर दीजिए...।


@ Girish Malviya