लॉक डाउन से दिहाड़ी मजदूर और ग्रामीण पिछड़ा वर्ग बेरोजगार हो चुके हैं उन्हें काम नही, सरकार उन्हें अनाज मुहैया कराए.-ज्यों द्रेज

तीन दिन पहले NDTV पर बहस के दौरान अर्थशास्त्री और समाजसुधारक ज्यों द्रेज ने कहा पलायन को माजबुर मजदूरों को सरकार उनके घर तक पहुंचाए और साथ में इस बात का भी ध्यान रखे कोई गरीब मजदूर भूख से ना मरे.


अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा, लॉक डाउन से दिहाड़ी मजदूर और ग्रामीण पिछड़ा वर्ग बेरोजगार हो चुके हैं उन्हें काम नही, सरकार उन्हें अनाज मुहैया कराए.


उदाहरण देते हुए कहा, जैसे बिहार में 30 लाख मुसाहर जाति भूमिहीन है, उनके पास कृषि ज़मीन है भूख से घिर सकते हैं !


पैनल में मौजूद डॉ गुप्ताजी चिढ गए, जवाबी हमला करते हुए उन्होंने कहा नगमा जी कोरोना वायरस कोई इकोनॉमिक समस्या नही हैल्थ इशू है ?


 


देखा आपने गरीब मजदूर भूमिहीन भूख जैसे शब्द सुनकर एक ख़ास तबके के सवर्णो को लकवा मार जाता. सब कुछ जानते हुए भी अनजान बनते हैं जैसे भूख इस देश में कोई समस्या नही है. बेल्जियम मूल के भारतीय अर्थशास्त्री को ज्यों द्रेज को पता है भूमिहीन कौन है कितने हैं और भूख से कौन सा समाज घिर सकता है !


मुझे याद है नब्बे के दशक में राजीव गांधी पीएम रहते हुए आंध्र प्रदेश के एक ऐसे आदिवासी घर में गए थे जो उस वक़्त बंदर का मांस पका कर खाने को मजबूर थे. शहरी सवर्णो ने उपहास उड़ाया की कैसे गंदे लोग हैं बंदर का मांस खाते हैं. 


लेकिन खबर का असल पक्ष था आदिवासियों को बड़ी परियोजना के नाम पर उन्हें उनकी भूमि को अधिग्रहण कर उन्हें जंगल से बेदखल कर दिया गया. गरीबी कुपोषण और भूख ने उन्हें जकड़ लिया !


मुझे कहने में गुरेज नही ब्राह्मण धर्म, ब्राह्मण संस्कृति, ब्राह्मण समाज, ब्राह्मण संग़ठन और ब्राह्मण सरकार सामाजिक विषमता, अंधी परंपरा, भयानक अशिक्षा और गरीबी में जकड़े भारत की वह नंगी तस्वीर को छिपाना चाहते हैं !


ब्राह्मण धर्म गरीबी दुखी भूखे लोगों की बात नही करता, इनके ग्रंथों में सिर्फ ब्राह्मण देवताओं की सेवा, मूलनिवासियों की बुराई, लड़ाई हत्या और अंत में ब्राह्मण क्षत्रियों की विजय गाथा है !


ब्राह्मण धर्म और ब्राह्मण सरकार को भली भांति पता है गरीबी कुपोषण भूख उनके समाज में नही सिर्फ पिछड़े शोषित वर्ग में हैं. इसलिए ब्राह्मण समाज संग़ठन और सरकार गरीबी और भूख पर चर्चा नही करना चाहते उनकी मुख्य प्राथमिकता सवर्ण समाज को राहत पहुँचाना है जो ना भुखा है ना भूमिहीन !


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को ब्राह्मण संस्कृति में बहुत यकीन है, लेकिन ब्राह्मण संस्कृति में शोषित वर्ग, स्त्रियों और आदिवासियों के लिए गर्व करने योग्य कुछ नही है !


ब्राह्मण धर्म और इनकी संस्कृति सिर्फ बड़ी बड़ी बात करेंगे गर्व करना राष्ट्रवादी होना सिखाएंगे, मंदिर मस्जिद दंगा फ़साद करेंगे ताकि मूल समस्या भूख गरीबी जातिवाद का मूल कारण ब्राह्मण धर्म है इसपर किसी का ध्यान ना जाए !


✍Kranti Kumar