कोरोना वायरस का कोई कट ऑफ डेट दिख नहीं रहा है| 

कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ इंडियन इंडस्ट्रियल (CII) ने आकलन किया है कि आगामी वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में वृध्दि  - 0.9% - 1.5%  की दर से होगी| मैं सोच रहा हूँ वे कौन सा सेक्टर हैं जिसमें बढ़ोतरी की आशा की जा रही है? ई कॉमर्स, मेडिकल इक्विपमेंट, दवाइयाँ, हेल्थ केयर, ताबूत, कफन ..? 


AXIS बैंक ने कहा है कि 40 वर्षों में पहली बार भारतीय अर्थव्यवस्था मंदी झेलने वाली है| तकनीकी दृष्टि से अगर GDP विकास दर 0 से कम यानी नकारात्मक हो तब अर्थव्यवस्था को मंदी की स्थिति में माना जाता है|


कुछ आशावादी लोगों ने V shape रिकवरी की आशा लगाई हुई है| यानी पहले V के पहले लकीर की तरह अर्थव्यवस्था \ नीचे जाएगी और फिर अगले लकीर / की तरह एकदम से ऊपर चली जाएगी-  यानी इस संकट से उबरते ही लोग एकदम से कार, मोटसाइकिल और सीमेंट खरीदने निकल पड़ेंगे| 


दिक्कत यह है कि कोरोना वायरस का कोई कट ऑफ डेट दिख नहीं रहा है| 


कल वाशिंगटन पोस्ट में दिखा कि रिकवरी V shape में नहीं, बल्कि W shape में होगी| मलतब अर्थव्यवस्था में उतार-चढ़ाव चलता रहेगा| अर्थव्यवस्था हिचकोले खाएगी| 


सबसे अधिक झेलेगा वही जो पहले से झेल रहा है, लेकिन शायद हम में से किसी का जीवन अछूता नहीं रहे|


मनोज कुमार