किसान संघर्ष समिति ने किसानों की समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा

किसान संघर्ष समिति ने किसानों की समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा है
           दिनांक 22/04/2020
प्रति,
     माननीय शिवराज सिंह चौहान
                           मुख्यमंत्री
      म.प्र.शासन,भोपाल(म. प्र. )                        


विषय:- किसानों की विभिन्न समस्याओं को लेकर ज्ञापन पत्र


माननीय महोदय,


 1.  किसानों को आगामी खरीफ की फसल के लिए खाद, बीज की खरीदी हेतु को -ऑपरेटिव बैंक तथा अन्य बैंकों से कर्जा लेने की जरूरत है ,  कमलनाथ सरकार द्वारा दो लाख रूपये तक  की कर्जमाफी की घोषणा के चलते किसानो ने  पैसा जमा नही किया ,सरकार द्वारा 2 लाख माफ नहीं किया गया ,जिसके चलते बैंक ने किसानों को डिफॉल्टर की श्रेणी में डाल दिया है, इस कारण खरीफ की बोवनी हेतु  कर्ज नहीँ दिया जा रहा है। 
सभी किसानों को खाद ,बीज बिना ब्याज के उपलब्ध कराया जाय।


  2.  खरीफ फसल 2019-20 अतिवृष्टि से नष्ट हो गई थी जिसका फसल बीमा ना देकर  कमलनाथ सरकार ने  1000 से 1500 रुपये  ही मुआबजा  दिया था। आपसे उम्मीद है कि विगत खरीफ फसल की बीमा राशि  सभी किसानों को दिलाएंगे ।
           
3. किसानों का गेहूं व्यापारियों द्वारा1500--1700 पर खरीदा जा रहा है। समर्थन मूल्य से कम पर खरीदी करने वाले  व्यापारियों पर आपराधिक प्रकरण दर्ज होना चाहिये । आपने 2100 क्विन्टल किसानों को देने की घोषणा की थी ,आपको अपनी घोषणा का पालन करवाना चाहिए।
4  .आपने कहा था कि किसानों की सम्पूर्ण उपज की खरीद की जाएगी लेकिन इसके विपरीत किसानों को खरीद केंद्रों से उनके कुल उत्पादन   से आधे से भी कम उपज के  मैसेज भेजे जा रहें है जो कि वादाखिलाफी तथा गैरकानूनी है । 


5.  बेमौसम बारिश होने से कुछ किसानों का गेहूं का रंग फीका पड़ गया है ( जिसमे किसानों का कोई दोष नही है) ऐसे किसानों को खरीदी केंद्र से लौटा दिया जा रहा है । सभी किसानों से पूरा  गेहूं  खरीदा जाए । साथ ही ऐसे किसानों को जिनका दाना खराब हुआ है उन किसानों को फसल बीमा के तहत मुआवजा दिया जाना चाहिए। सभी किसानों की सभी फसल की खरीदी की व्यवस्था की जानी चाहिए।


   6.   कई  खरीदी केन्द्रों को बंद कर किसानों को  गोदाम पर गेहूं लेकर बुलाया जा रहा है जहाँ पर सीधे ट्रालियों का तौल ना  करके ,बोरियों मे भरवा कर तौल कराया जाता है जिससें किसानों को दोहरा श्रम लगता हैं । जैसे पहले बैतूल जिले के जौलखेड़ा  गांव मे गेहूं खरीदी केन्द्र था जिसमें 20 गांव के किसान अपना गेहूं बेचने आते .थे । लेकिन अब खरीदी केंद्र बंद करने से  5 से 10 किलोमीटर दूर भाड़ा  लगाकर जाना पड़ रहा है जिससे किसानों पर अतिरिक्त बोझ बढ़ गया है। कोरोना संक्रमण से बचने के लिए खरीदी केंद्र पर एक दिन में 8-8 किसानों का गेहूं खरीदने का प्रावधान रखा है जो कि पर्याप्त नही है सभी किसानों का गेहूं खरीदने के लिए प्रत्येक सोसायटी पर खरीदी केंद्र बनाए जाए ताकि सभी किसान सुगमता से गेहूं बेच सकें।


7. कृषि कार्य हेतु मनरेगा के माध्यम से मजदूर उपलब्ध कराए जाएं ,जिससे किसानों को कृषि कार्य हेतू आसानी से मजदूर मिल सके तथा मजदूरों को रोजगार मिल सकें ।ग्रामीण छेत्र की आर्थिक हालत सुधारने का यह महत्वपूर्ण तरीका हो सकता है।
8. उद्यानिकी फसलों (सब्जी तथा फल)  को प्रधानमंत्री फसल बीमा मे शामिल नही किया गया है । उद्यानिकी फसलों को  प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में शामिल किया जाए। ताकि सब्जी एवं फल उत्पादक किसानों की नुकसानी की भरपाई हो सके।


 9.   पिछले वर्ष 2019 का गेहूं का 160 रू बोनस अभी तक नही दिया गया है उसे भी किसानों के खाते मे डाला जाए।
10 .सभी ग्रामीणों के घरेलू और  कृषि पंप के तीन माह  के  बिजली के बिल तथा नल का बिल माफ किया जाना चाहिए



               भवदीय


        
 श्री टटी चौधरी , डॉ .सुनीलम 
9425109770;9981409770
महेश दत्त मिश्र ( मुरैना )
एड.आराधना भार्गव( छिंदवाड़ा) टी आर आठ्या  (बेगमगंज)  , डॉ.ए के. खान  (कटनी) 
,राजेश बैरागी (झाबुआ),
लीलाधर चौधरी ,इंद्रसेन निमोनकर(देवास ),राजेन्द्र पुरोहित ( मनासा ), श्रीराम सेन  (सिलवानी), महेश पटेरिया लखनचंद्र जैन,जीतेन्द्र पस्तोर  (टीकमगढ़), राजेश तामेश्वरी (गंज बासोदा),डॉ राम कुमार सनोडिया  , महेंद्र सिंह, राजकुमार सनोडिया(सिवनी)
निशा सिंह ( मंडला)
 रामस्वरूप मंत्री ,दिनेश कुशवाह ,मदनअग्रवाल( इंदौर,)  ,
घनश्याम यादव ( जबलपुर) जगदीश यादव,निर्भय दाऊ, जगत सिंह ,महेंद्र आठ्या ( बेगमगंज)  , पदाली यादव ( पन्ना), राजू आठ्या (दमोह), उमेश उप्पल ( ग्वालियर) दिलीप पाटीदार , परमानंद पाटीदार(मंदसौर)
नागेश्वर (बालाघाट )