करदाताओं के लिए राहत देने एवं समय अवधि बढ़ाए जाने की मांग का ज्ञापन कर अधिवक्ता संगठनों ने शासन को दिया

*कोरोना-वायरस* के संक्रमण एवं इससे बचाव के लिए अवधि *25 मार्च से 3 मई,2020* के बीच सम्पूर्ण देश मे समस्त प्रकार की व्यवसायिक, आर्थिक, सामाजिक एवं व्यक्तिगत गितिविधियाँ पूर्णतः बंद/निषेध रही है,हो सकता है 3 मई,2020 के पश्चात परिस्थितियों के सघन अवलोकन उपरांत यदि आवश्यक रहा तो सम्पूर्ण देश अथवा कुछ राज्यों में *लॉक-डाउन* की अवधि आगे भी बढ़ाई जा सकती है।


*कोरोना* जैसी *घातक व संक्रमित महामारी* के कारण जो विषम परिस्थितियां देश/राज्यों में निर्मित हुई है, इनके कारण सभी प्रकार के व्यवसायिक, आर्थिक, शासकीय एवं व्यक्तिगत कार्य *लॉक-डाउन अवधि* में पूर्णरूप से अवरुद्ध/बंद रहे है, जिसके कारण राज्य का व्यवसायी-वर्ग कई प्रकार के शासकीय कार्यों के कुशल व सफ़ल सम्पादन में असमर्थ रहे है ।


उपरोक्तानुसार वर्णित आधारभूत कारणों को दृष्टिगत रखते हुए शहर/राज्य के प्रमुख कर संगठनों क्रमशः -१) *नेशनल एक्शन कमेटी ऑफ जीएसटी प्रोफ़ेशनल्स, म.प्र*., २) *मध्यप्रदेश टैक्स लॉ बार एसोसिएशन, म.प्र.*,तथा ३) *कमर्शियल टैक्स प्रैक्टिशनर्स एसोसिएशन, इंदौर* द्वारा सँयुक्त रूप से *लॉक-डाउन* अवधि के दौरान म.प्र.वैट अधिनियम, केंद्रीय विक्रय-कर अधिनियम, प्रवेशकर अधिनियम तथा म.प्र. विलासिता, मनोरंजन, आमोद एवं विज्ञापन कर अधिनियम आदि में वर्णीत प्रावधानों/नियमों के अनुसरण में 1/1/2020 के पश्चात पारित  सभी प्रकार के कर निर्धारण-आदेश,पुनः कर निर्धारण आदेश, ब्लॉक अवधि के निर्धारण आदेश आदि के विरुद्ध प्रथम/द्वितीय अपील प्रस्तुत करने,त्रैमासिक विवरण-पत्र प्रस्तुत करने, समस्त शासकीय कार्यवाहियों के अनुसरण में नियमानुसार व निर्धारित प्रारूप में आवेदन आदि प्रस्तुत करने की समयावधि को आगामी *31 अगस्त,2020 तक बढ़ाये जाने* एवं  *देय कर बिलम्ब से जमा करने पर ब्याज से मुक्ति सम्बन्धी आवश्यक संसोधन* विधान में किय्य जाने जैसे महत्वपूर्ण बिंदुओं पर एक विस्तृत लिखित मेमोरेण्डम *श्री राघवेंद्र कुमार सिंह (आई ए एस)*  माननीय आयुक्त, वा.कर, मध्यप्रदेश को ई-मेल के माध्यम से प्रेषित करते हुए प्रदेश के करदाता व्यवसायियों के हितार्थ मांग की गई है कि, इस संदर्भ में राज्य-सरकार को उचित प्रस्ताव भेजकर वैट व अन्य विधानों में आवश्यक संसोधन शीघ्र अति शीघ्र कराए जावे।


तीनों संस्थाओं की ओर से संस्था-प्रमुख क्रमशः *श्री अमित दवे, श्री ए के लखोटिया एवं श्री यशवंत लोभाने* ने इस दैनिक समाचार पत्र के संवाददाता को जानकारी देते हुए बताया कि लिखित मेमोरेण्डम के माध्यम से प्रमुख रूप से निम्नलिखित बिंदुओं पर समय-सीमा आगे बढ़ाए जाने की मांग की गई है :
 
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1. म.प्र.वैट अधिनियम,2002 की *धारा 20,धारा 21तथा धारा 55-क*  में वर्णित उपबन्धों के अधीन सभी विधानों में पारित क्रमशः समस्त मूल कर-निर्धारण आदेशों, पुनः कर-निर्धारण आदेशों एवं ब्लाक अवधि कर-निर्धारण आदेशों आदि के विरुद्ध नियमानुसार विधान की धारा 46 (7) में वर्णित उपबन्धों के तहत उक्त आदेशों की तामीली/संसूचना के 30 दिवस के भीतर नियमानुसार *प्रथम अपील* प्रस्तुत करने की समय-सीमा को समुचित रूप से *आगामी 31/08/2020  तक* आगे बढाया जाना निवेदित है।


2.  इसी प्रकार, किसी भी प्रथम अपीलीय प्राधिकारी द्वारा पारित प्रथम अपील आदेश के विरुद्ध विधान की धारा 46(7) में वर्णित प्रावधानों के अनुसार प्रथम अपील आदेश की संसूचना से 60 दिवस के भीतर द्वितीय अपील प्रस्तुत की जाना आवश्यक है, अतः ऐसे प्रकरण जिनमें *प्रथम-अपील आदेश व्यवसायी को दिनाँक 1 जनवरी,2020 या इसके पश्चात तामील हुए हों* के लिए द्वितीय-अपील प्रस्तुत किये जाने के लिए आवश्यक समय सीमा को भी आगामी *31,अगस्त,2020 तक* बढ़ाया जाना निवेदित है।


3.  विधान की *धारा 34* में वर्णित प्रावधानों के तहत किसी प्रकरण में पारित एक-पक्षीय आदेश को अपास्त करने व पुनः कर निर्धारण आदेश पारित कराने के लिए आवेदन प्रस्तुत करने की समय सीमा सम्बंधित आदेश की संसूचना से 30 दिवस निर्धारित है, अतः ऐसे एक-पक्षीय आदेश जो 1/1/2020 के बाद पारित एवं तामील किये गए हों, ऐसे समस्त प्रकरणों में आवेदन प्रस्तुत करने के लिए *आगामी 31 अगस्त,2020 तक* समय बढाया जाना निवेदित है।


4.  इसी प्रकार वैट विधान की *धारा 34-क* में वर्णित प्रावधान के अनुसार किसी व्यापारी के विरुद्ध किसी कालावधि के लिए कर निर्धारण करने की कार्यवाही में, केंद्रीय विकर कर अधिनियम,1956 के अधीन घोषणा-पत्र प्रस्तुत नही करने के कारण उस पर उच्च-दर से निर्धारण कर, कर-निर्धारण आदेश पारित किया जाता है, तो ऐसे आदेशों के विरुद्ध *अपील के अधिकार का परित्याग कर*  उक्त आदेश की संसूचना के 30 दिवस के भीतर सक्षम अधिकारी के समक्ष निर्धारित प्रारूप/शर्तो के अधीन आवेदन प्रस्तुत कर घोषणा-पत्र (सी/एफ/ई-वन एवं ई-टू फॉर्म्स आदि) प्रस्तुत करने हेतु और समय की मांग करने सम्बंधित आवेदन पत्र प्रस्तुत करना आवश्यक है।


अतः दिनाँक 1/1/2020 या इसके बाद पारित एवं तामील समस्त आदेशों के विरुद्ध धारा 34-क के संदर्भ में आवेदन प्र्रस्तुत करने की समय सीमा को भी *31 अगस्त,2020 तक* बढाया जाना निवेदित है।


5.  ऐसे व्यवसायी जो  अधिसूचित वस्तुएं जैसे- *पेट्रोल,डीज़ल, प्राकृतिक गैस तथा देशी/विदेशी मदिरा(शराब) व अन्य अधिसूचित वस्तुओं* जिन्हें नवीन अप्रत्यक्ष कर-कानून प्रणाली *जीएसटी* में समाहित नही किया गया है तथा जिनके व्यवसाय हेतु पूर्व प्रचलित अप्रत्यक्ष कर कानून अर्थात वैट अधिनियम के अधीन पंजीयन प्राप्त कर उक्त विधान की धारा 18(1) में वर्णित उपबन्धों के अधीन त्रैमासिक विवरणी प्रस्तुत करने तथा नियमानुसार  मासिक अथवा त्रैमासिक रूप से कर का भुगतान करने का दायित्व आता है । 


अतः ऐसे करदाताओं के लिए क्रमशः वित्त वर्ष 2019-20 के लिए लंबित चतुर्थ तिमाही (1-1-2020 से 31-3-2020) तथा वित्त वर्ष 2020-21 के लिए प्रस्तुत की जाने वाली प्रथम तिमाही (1-4-2020 से 30-6-2020) के लिए *देय वाणिज्यिक-कर बिना ब्याज चुकाए जाने* एवं त्रैमासिक विवरणी प्रस्तुत करने हेतु प्रथक से उक्त *दोनों त्रैमासिक अवधि के लिए समानांतर रूप समय सीमा आगामी 31,अगस्त,2020 तक बढाया जाना* निवेदित है।


6. यह कि, चूंकि *कोविड-19 (कोरोना)* वैश्विक-महामारी के संक्रमण की रोकथाम तथा इसकी चेन अवरुद्ध करने एवं देश के समस्त नागरिकों की जान-माल की सुरक्षा के उद्देश्य से केंद्र सरकार द्वारा ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए सम्पूर्ण देश/राज्यों में अचानक *लॉक-डाउन* की घोषणा की गई थी, जिसके वर्तमान में जारी रहकर परिस्थितियों अनुसार आगे भी कुछ और दिन,सप्ताह अथवा महीनों तक जारी रहने की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता ।


अतः *वर्तमान परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए* राज्य-सरकार से विनम्र-अनुरोध है कि, विगत दिनों *1 जनवरी,2020 से लेकर सम्पूर्ण लॉक-डाउन जारी रहने तक की अवधि के दौरान पारित किये गये,अथवा पारित किए जाने वाले समस्त वैधानिक आदेशों, विभागीय/शासकीय कार्यवाहियों के निवर्तन तथा ऐसे पारित समस्त शासकीय आदेशों व कार्यवाहियों के अनुसरण/सन्दर्भ में करदाताओं को समस्त प्रकार के वांछित आवेदन,अपील,पुनःरिक्षण आवेदन आदि प्रस्तुत करने की समय-अवधि को नैसर्गिक न्याय के अनुसरण में आगामी 31 अगस्त,2020 तक बिना-कोई शर्त या बंधनकारक नियम से परे रहकर बढ़ाया जाना न्यायोचित होगा*।


7. यह कि, करनिर्धारण वर्ष 2017-18 अर्थात अवधि 01-04-2017 से 30-06-2017 (जीएसटी से पूर्व की अवधि) के लिए धारा 20 में वर्णित उपबन्धों के अधीन कर निर्धारण दिनाँक 31/12/2019 तक पूर्ण किया जाना आवश्यक था,तथा जिसे समय की मांग अनुसार विभिन्न अधिसूचनाओं के माध्यम से आगे बढाया गया था, वर्ष 2017-18(प्रथम तिमाही) के कर निर्धारण पूर्ण करने की समय सीमा को राज्य सरकार द्वारा जारी अंतिम बार अधिसूचना *क्रमांक (12) दिनाँक 29-2-2020* के माध्यम से आगामी *दिनाँक 30/06/2020 तक बढ़ाया गया है*,परन्तु देश व राज्य की वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए यह कार्य उक्तानुसार निर्धारित समय सीमा के भीतर सम्पन्न कराया जाना *मुश्किल ही नही नामुमकिन प्रतीत होता है*।


अतः निवेदन है कि वर्ष 2017-18(प्रथम तिमाही) के लिए लंबित  कर-निर्धारण प्रकरणों के कर निर्धारण की समय सीमा को पृथक रूप से *आगामी दिनाँक 31/12/2020 तक बढाया जाना* निवेदित है।


एमपीटीएलबीए के *अध्यक्ष- ए के लखोटिया* में बताया कि उक्त माँग देश/राज्य के वर्तमान समीकरण एवं परिस्थितियों के संदर्भ में अति आवश्यक है,  जिससे राज्य सरकार को अवगत कराया गया है कि, मेमोरेण्डम में वर्णित प्रमुख बिंदुओं का अवलोकन कर  विधान में आवश्यक संसोधन करते हुए इन आशय की अधिसूचनाएं शीघ्र अति शीघ्र जारी की जावे ताकि प्रदेश के लाखों करदाताओं की दुविधाओं व चिंताओं का समुचित निवारण हो सके।


एन ए सी के स्टेट-कोऑर्डिनेटर व डिप्टी प्रेसीडेंट *श्री अमित दवे* बताया कि उक्त मेमोरेण्डम माननीय, प्रमुख सचिव, वाणिज्यिक कर, भोपाल की ओर ई-मेल के माध्यम से अग्रेषित किया जाकर विनम्र निवेदन किया गया है कि,सम्बंधित ज्ञापन में वर्णित मांगों के अनुसरण में राज्य-शासन स्तर से एक्ट में समुचित संसोधन करते हुए आवश्यक आदेश/अधिसूचनाएँ अविलम्ब जारी की जावे।


कमर्शियल टैक्स प्रैक्टिशनर्स एसोसिएशन, इंदौर के *अध्यक्ष- श्री यशवंत लोभाने* ने बताया कि माननीय आयुक्त एवं प्रमुख सचिव महोदय को प्रेषित उक्त मेमोरेण्डम में वर्णित बिंदुओं पर वाणिज्यिक कर विभाग के वरिष्ठ पदाधिकारियों से मौखिक विचार-विमर्श व संवाद स्थापित कर उक्त समस्त बिन्दुओं से उन्हें अवगत कराया गया है। 


            *निवेदक*


           *अमीत दवे*
         ( को-ऑर्डिनेटर ) 
      मो. 98260-18696      
१)    नेशनल एक्शन कमेटी
        ऑफ़ जीएसटी  
        प्रोफ़ेशनल्स, म.प्र.।


      *एड. ए के लखोटिया*
                ( अध्यक्ष )
        मो. 94250-82421
२)   मध्यप्रदेश टैक्स लॉ बार-
       एसोसिएशन, म.प्र.।


     *एड. यशवंत लोभाने*
                (अध्यक्ष )
       मो. 98264-33384
३)  कमर्शियल टैक्स
      प्रैक्टिशनर्स एसोसिएशन,
      इंदौर ।