घृणा को बिसराता रहा उम्र भर प्रेम को रखा सदैव याद-गोपाल राठी

प्रसिद्ध समाजसेवी  समाजवादी जन परिषद के साथी  गोपाल राठी जी का आज जन्मदिन है  उनके जन्मदिन के अवसर पर उनके द्वारा  की गई प्रस्तुति.....


 


न कोई ईश्वर या ख़ुदा
न कोई गुरु या उस्ताद


न कहीं पीठ पर हाथ किसी नामचीन का
न किसी के पाँवों में रखी पाग


जिया निर्विकार जिया अब तक का जीवन
एक भरपूर मनुष्य की तरह


अपनी कामनाओं से किया प्रेम
अपूर्णता को पूर्ण करने की कोशिश के साथ


जो अच्छा नहीं लगा उसे धिक्कारा
और जो भा गया उसे बसा लिया हृदय में


नहीं की याचना किसी सूम से
न ही किसी लिप्सा के लिये लपलपाई जीभ


विनम्रता के चून में भी मिलाया
स्वाभिमान का जल और निजता का नमक


कहा वही जो सूझा और बूझा
समझता रहा जग-जीवन के छल-छद्म


घृणा को बिसराता रहा उम्र भर
प्रेम को रखा सदैव याद


न कोई ईश्वर या ख़ुदा
न कोई गुरु या उस्ताद


( अपने जन्मदिन पर सादर - गोपाल राठी )