आज खाना वितरण करने जैसे ही बस्ती में पहुंचे तो पुलिस ने सवाल किया, किधर जा रही हो मैडम ? कहीं भी जाना मना है| हमने रूमाल नीचे कर कहा इतने दिन हो गये खाना बांटते अभी तक पहचाने नहीं आप ? (सबसे पहले दिन इन महाशय से ही पंगा हुआ था) खाने की गाड़ी देख कर वे बोले अरे मैडम आप? अब किस किस को पहचाने हम तो परेशान हैं,क्या बांट रही हैं आप,कच्चा कि पक्का?
हमने कहा पक्का ,
वे बोले अब पक्का बांटने पर रोक लग गई है कच्चा ही बांट सकते हैं क्योंकि सरकार भी अब कच्चा राशन बांट रही है |
हमने कहा सरकार राशन तो बांट रही है पर 5 किलो गेंहू और एक किलो चावल देने से क्या होगा?
चक्कियां बंद हैं ,पकाने के लिये इंधन,सब्जी, दाल,तेल कहां से आयेगा?? रहवासियों को तो चलो ये राशन मिल रहा है पर
ये पका हुआ खाना बंद कर देंगे तो बहुत सारे बाहर से पढ़ने के लिये आये छात्र, ट्रक वाले , प्रवासी मजदूर जो फंसे हुये हैं उन्हे खाना कैसे मिलेगा ? आप जानते ही हैं कि ढावे बंद होने से परेशान खाने की आस में ट्रक वाले लड़के बस्तियों के आसपास ही मंडराते रहते हैंजैस ही पुलिस लट्ठ बजाने आती है वे रफूचक्कर हो जाते हैं कई पिट भी जाते हैं | अब तो बस्ती वाले ही उनके हमदर्द बने हुये हैं जैसे ही खाना आता है वे उन्हे बुला लेते हैं या फिर उनका पैकेट लेकर रख लेते हैं,
उनकी समस्या भी तो समझिये |
वे बोले अब इतना तो सभी को सहना पड़ेगा मैडम
हमने जैसे ही अपनी गाड़ी आगे बढ़ाई वे बोले कल पता करके ही आईये |खाना वितरण टीम में दीपक, उपेन्द्र, खुशबू, सलमान,रकीब, सलमा,
पकाने वाली टीम- दीपक, उजाला, हरीबाई, मुन्नीबाई, आरती, बबलू, शोभा
Neena sharma