बाहरी दुनिया की बीमारी से मरने वाला वह लीजेंड्री आदिवासी  जिसका नाम इतिहास के साथ-साथ बच्चा-बच्चा जानता है

भारत में बाहरी बीमारियों और महामारियों से कितने आदिवासी मरे इसका कोई आंकड़ा नहीं है. लेकिन किसी आदिवासी के बाहरी बीमारी से मरने की एक आधिकारिक जानकारी इतिहास के पन्नों में दर्ज है. उस आदिवासी की मृत्यु 9 जून 1900 को ‘हैजा’ से हुई थी. अगर तत्कालीन रांची जेल डॉक्टर की रिपोर्ट सच है तो बाहरी बीमारी से मरने वाले  उस एक आदिवासी का नाम, जो ब्रिटिश दस्तावेजों में उपलब्ध है, तो वह हैं धरती आबा बिरसा मुंडा. हालांकि यह माना जाता है कि बिरसा की मृत्यु ‘हैजा’ से नहीं बल्कि जहर से हुई थी.


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