अर्णब ने अपनी सुपारी पत्रकारिता की शुरूआत लालू प्रसाद यादव पर फेक स्टोरी से शुरू की थी

अर्णब ने अपनी सुपारी पत्रकारिता की शुरूआत लालू प्रसाद यादव पर फेक स्टोरी से शुरू की थी। बेवजह शहाबुद्दीन मामले को तूल दे रहा था। लालू प्रसाद यादव ने इसे छोड़ दिया था। पर अर्णब ने अपने दो रिपोर्टरों को लालू प्रसाद यादव के पीछे लगा दिया था।  मामला 2017 का है जब लालू प्रसाद यादव राष्ट्रपति पद का कैंडिडेट चुनने के लिए विपक्ष द्वारा बुलाई गई बैठक में शिरकत करने पहुंचे थे।  रिपब्लिक के रिपोर्टर जहां भी लालू जी जाते माइक घुसेड़ देते। बस एक ही सवाल आपके शहाबुद्दीन से क्या रिश्ते हैं? लालू जी के सहयोगी ने उस रिपोर्टर को हटाने की कोशिश फिर भी वही सवाल आपके क्या रिश्ते हैं शहाबुद्दीन से?  वहाँ एक और रिपोर्टर आ गए रिपब्लिक के और उसने पहले वाले रिपोर्टर का पक्ष लेना चाहा तो लालू जी गुस्से से आगबबूला हो गए और कहा तुम भी उसी की भाषा बोल रहे हो, “दे देंगे दू मुक्का, नाच के गिर जाओगे." ...तो ये हैं लालू जी। वे बेवजह किसी से नहीं उलझते हैं। एक बार उनसे पूछा गया लोग आपकी मिमिक्री करते हैं,
 गंदा मज़ाक बनाते हैं। तो लालू जी ने कहा , बढिया है न, ऐसा करके उनकी रोजी रोटी तो चल रही है।  देश में लालू प्रसाद यादव जैसे नेता एक ही पैदा होते हैं।


Vikram Singh Chauhan ji की वाल से