ग्वालियर के सामजिक कार्यकर्ता #अखिलेश_यादव और नगर निगम पार्षद #उषा_गोस्वामी ने कोरोना लॉकडाउन के दौरान राशन घोटाले और आटा चोरी के मामले में मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से गुहार लगाई है।
🔴 इन दोनों ने मुख्य न्यायाधीश को लिखी चिट्ठी में कहा है कि "जिला प्रशासन ग्वालियर द्वारा कोविड-19 महामारी के समय जनता राशन वितरण में घोटाला करते हुए हितग्राहियों को वंचित किया जा रहा है, जिसका स्थानीय समाचार पत्रों में भी खुलासा किया गया। इन खबरों के अनुसार 10 किलोग्राम आटे के पैकेट में गड़बड़ी करते और करवाते हुए 8 किलोग्राम या उससे कम ही वितरित किया जा रहा है।"
🔴 "शासकीय घोषणा अनुसार हितग्राही परिवारों को दिए जाने वाली राशन की दुकानों से सम्पर्क करने पर लोगों को राशन देने से मना किया जा रहा है तथा सिर्फ एक राजनीतिक दल के कार्यकर्ताओं को राशन दिया जा रहा है।" यह भी कि "ज्यादातर दुकानें लॉक डाउन शिथिलता के घंटो में बंद पाई जा रही है जिससे श्रमिकों, दैनिक मजदूरों के घरों में भोजन ना होने से जीवन निर्वाह का संकट उत्पन्न हो गया है।"
🔴 #सीपीएम जिलासचिव अखिलेश यादव और #जनवादी_महिला_समिति की नेत्री तथा नगर निगम की पार्षद उषा गोस्वामी ने माननीय चीफ जस्टिस को लिखा है कि "ग्वालियर जिला प्रशासन के सम्मानीय अधिकारियों (केवल कहने मात्र के सेवक) से जब वर्तमान परिस्थिति में अन्न /राशन वंचना के तथ्य को अवगत कराने के लिए आग्रह किया गया तब भी उन्होंने कोई कार्यवाही नहीं की इसलिए पत्र के माध्यम से यह याचिका प्रस्तुत की जा रही है।"
🔴 पत्र लेखकों ने कहा है कि "स्वतंत्र न्यायपालिका प्रहरी है कि लोगों को मूल अधिकारों में निहित मुख्यतः जीने के अधिकार को संरक्षण एवं परिरक्षण प्रदान किया जाए । यह सुनिश्चित करने के लिए भी न्यायपालिका को देखरेख करनी होगी कि नीतिगत विषयों पर भी मूल अधिकारों को संतुलन एवं साम्य प्राप्त हो एवं विवेकाधिकारिता प्राप्त होने मात्र से नीतिगत विषयों में भी अवैधानिकता को पोषण प्राप्त न हो जाए।"
🔴 यह चिट्ठी याचिका भेजते हुए दोनों सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कहा कि इन हालात में "न्यायालय ही लोगों के लिये आशा के केंद्र हैं जहां से लोगों को मानव सम्मान के मापदंडों के अनुरूप प्रदत्त अधिकारों से निष्पक्ष क्रियान्वयन के लिये पहुंच सम्भव रह गई है"।
🔴 उन्होंने प्रार्थना की है कि "माननीय उच्च न्यायालय इस कोविड-19 महामारी के आपातकालीन समय में यथोचित निर्देश पारित करने की कृपा करें तथा इसमें श्रमिक दैनिक मजदूरों के घरों में भोजन ना होने से उत्पन्न जीवन संकट से रक्षा हो सके साथ ही माननीय महोदय विषय वस्तु के संबंध में अन्य जो भी निर्देश उचित हो, पारित करें।"