समाजवादी विचार यात्रा कन्याकुमारी पहुंची

शाहीन बाग़ की आंदोलनकारी महिलाओं  से तत्काल  संवाद शुरू  करें प्रधानमंत्री 


जस्टिस मुरलीधर से दिल्ली हिंसा की न्यायिक जांच कराई जाए


30 जनवरी को गांधी स्मृति, दिल्ली से निकली भारत जोड़ो - संविधान बचाओ समाजवादी विचार यात्रा, 32वें दिन कलियाकाविलाई और थकले होते हुए कन्याकुमारी पहुंची। कलियाकाविलाई और थकले में डी एम के पार्टी से विधायक, मनो थंगराज ,जिला अध्य्क्ष एम एस बपुसन और उनके साथियों ने यात्रियों का स्वागत किया और नुक्कड़ सभाओं का आयोजन किया गया। 
सभा को संबोधित करते हुए मनो थंगराज  ने कहा की डी एम के पार्टी धारा 370 हटाने के खिलाफ है और उनका केंद्र सरकार से अनुरोध है की वे नागरिक संशोधन कानून वापस ले। उन्होंने कहा की डी एम के ने तमिलनाडू सरकार से मांग की है वह  विधान सभा में प्रस्ताव पारित करे  कि वह  तमिलनाडू में  सी ए ए, एन आर सी और एन पी आर को लागू नही करेगी। उन्होंने कहा की बी जे पी सरकार को विरोध बर्दाश्त नही है, जहां कही उनके खिलाफ आवाज़ उठती है,वे पुलिस दमन का इस्तेमाल कर विरोधियों को दबाते है ,जो लोकतांत्रिक परम्पराओ और सिद्धांतों के खिलाफ है।


डॉ सुनीलम ने कहा की अगर 15 सालों से लड़ रहे युद्ध के बाद  अमरीका और तालिबान आपस में बातचीत  कर समझौता कर  सकते है, तो मोदीजी धरने में बैठी महिलाओं से बात  क्यों नहीं जा सकते ? डॉ सुनीलम ने प्रधानमंत्री से मांग की कि वे शाहीन बाग की  आंदोलनकारी महिलाओं और जामिया - जे एन यू  के  विद्याथियों के साथ संवाद शुरू करें। उन्होंने जस्टिस मुरलीधर से दिल्ली हिंसा की न्यायिक जांच कराई जाने की मांग की।
उन्होंने डी एम के पार्टी प्रमुख  स्टालिन और  विधायक मनुथंगरराज को काले कानूनों के खिलाफ एक मज़बूत आवाज़ उठाने के लिए धन्यवाद दिया। 


सभा को संबोधित करते हुए सुशीला ताई मोराले ने कहा कि केंद्र सरकार ने संविधान के 14 और 15 अनुच्छेद को खतरे में डाल दिया है इसलिए लोग सड़क पर  आ गए है। उन्होंने कहा की अभिव्यक्ति की आज़ादी संवैधानिक हक है और मौन रहना सबसे बड़ा  अपराध। नागरिक खुल कर बोलें यह सुनिश्चित करने के लिए हमने यह यात्रा निकाली है।


कन्याकुमारी में देवराजन (अध्यक्ष, लोकतांत्रिक जनता दल कन्याकुमारी जिला), गणपति (उपाध्यक्ष, जनता दल कन्याकुमारी जिला) और साथियों ने यात्रियों का स्वागत किया।देवराजन ने कहा कि तमिलनाडु की राजनीति पर भ्रष्ट और वंशवादी नेताओं ने कब्जा कर लिया है।उन्होंने कहा कि यात्रा के माध्यम से समाजवादी विचारों का प्रचार प्रसार किया जा रहा है ,जिनकी देश को आज सर्वाधिक जरूरत है।
गणपती ने कहा कि किसी भी किसी भी सरकार की प्राथमिकता  रोजगार सृजन करना होना चाहिए लेकिन केंद्र और तमिलनाडु की सरकार जो नीतियां लागू कर रही हैं ,उनसे वेरोजगारी बढ़ती जा रही है।


यात्रीयों  ने वैकुण्ड स्वामिगल के छठें पीढ़ी के स्वामी बालाप्रजापति अडीकलार जी से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि वे जाति व्यवस्था के उन्मूलन   ,धार्मिक पाखण्ड व अंधविश्वास के खिलाफ समाज मे काम करते है ,वे चाहते है कि 
कोई भाषा किसी पर थोपी नहीं जानी चाहिए । छेत्रिय  भाषा मे ही सब काम होना चाहिए।


उल्लेखनीय है कि गाँधीजी की  150वीं जयंती और समाजवादी आंदोलन के 85 वर्ष पूरा होने के अवसर पर स्वतंत्रता आन्दोलन, समाजवादी आन्दोलन के मूल्यों की पुनर्स्थापना तथा संवैधानिक मूल्यों की स्थापना हेतु यह यात्रा निकाली है। अब तक यात्रा में 108 कार्यक्रम हो चुके हैं। पहले चरण की यात्रा 16 राज्यों में होकर 23 मार्च को हैदराबाद में पूरी होगी जहां डॉ. लोहिया के जन्मदिवस और शहीद भगत सिंह जी के शहादत दिवस के अवसर पर समाजवादी समागम आयोजित किया जाएगा। 


कार्यक्रमों के दौरान केरल से पी जे जोसी ,मध्यप्रदेश से अधिवक्ता आराधना भार्गव , बाले भाई ,रोहन गुप्ता (झारखण्ड), महाराष्ट्र से संगीता, विनायक, दुर्योधन अनिल और बापू ( महाराष्ट्र )ने भी विचार रखे ।


यात्रा का आयोजन  समाजवादी समागम द्वारा किया गया है , जिसका उद्देश्य स्वतंत्रता आन्दोलन, समाजवादी आन्दोलन एवं संवैधानिक मूल्यों की पुर्नस्थापना के साथ-साथ देशभर के समाजवादी, गांधीवादी, सर्वोदयी, वामपंथी, अंबेडकरवादी विचारधारा से जुड़े जन आंदोलनकारियों, मानव अधिकारवादियों, पर्यावरणवादियों एवं सभी लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता में विश्वास रखने वाले संगठनों और व्यक्तियों को स्थानीय स्तर पर आयोजित कार्यक्रमों के माध्यम से एकजुट करना है।