प्रधानमंत्री जी की सोशल डिस्टेंस रखने की अपील का जगह जगह उल्लंघन होना इस महामारी को बढ़ाने में सहायक सिद्ध हो सकता है l

लॉक डाउन कोरोना वायरस से बचाव का फिलहाल एक मात्र तरीका है l लेकिन भारत मे लॉक डाउन जिस हड़बड़ी में लागू किया गया कि किसी को अपने आपको सम्हलने का मौका ही नहीं दिया गया l ना व्यक्ति की कोई तैयारी थी और ना राज्य सरकारों की l राज्य सरकारों से सलाह मशविरा और समन्वय किसी भी स्तर पर नज़र नहीं आया l फलस्वरूप सब तरफ अफरा तफरी मच गई l दिहाड़ी मजदूर और फुटकर धंधा करने वालों का हुजूम शहर से गांव पलायन करने को विवश हो गया l जिसकी दर्दनाक खबरें दिल दहलाने वाली है l भूखे प्यासे पैदल चलते सैकड़ों मनुष्यों का हुजूम ने सरकारी फैसले पर सवालिया निशान लगा दिया ?
बिना किसी तैयारी और बिना अनुमान लगाए किये गए अदूरदर्शिता पूर्ण निर्णय किस तरह जनता और देश पर भारी पड़ते है यह हम खुली आँखों से देख रहे हैं l माननीय प्रधानमंत्री जी की सोशल डिस्टेंस रखने की अपील का जगह जगह उल्लंघन होना इस महामारी को बढ़ाने में सहायक सिद्ध हो सकता है l इसकी सफलता के लिए हर व्यक्ति  समुदाय और वर्ग को विश्वास में लेना अत्यंत ज़रूरी है l राहत खैरात के पैकेज का असर हो सकता था अगर प्रभावित होने वालों को इसका पूर्व ज्ञान होता  l इस कठिन समय का हम सबको मिलकर मुकाबला करना है और रास्ता निकालना है l


गोपाल राठी