मजीठिया वेज बोर्ड के अवमानना के मामले में अखबार मालिकों को राहत देने वाले रंजन गोगोई का असली चेहरा

देख लो मजीठिया वेज बोर्ड के अवमानना के मामले में अखबार मालिकों को राहत देने वाले रंजन गोगोई का असली चेहरा


आज जब पूर्व सीजेआई जस्टिस रंजन गोगोई को सरकार द्वारा राज्यसभा के लिये नामजद किये जाने की खबर मिली तो मुझे मजीठिया वेज बोर्ड के अवमनाना मामले की याद आ गई।
ये महाशय वही हैं, जिन्होंने मजीठिया वेज बोर्ड के अवमानना मामले में प्रिंट मीडिया के मालिकान को यह कहकर राहत दी थी कि उन्हें मामले की सही से जानकारी नहीं थी। इन्हीं महाशय की वजह से आज मजीठिया वेज बोर्ड की लड़ाई लड़ रहे मीडियाकर्मी लेबर कोर्ट के चक्कर काट रहे हैं। जो लोग न्यायपालिका पर उंगली उठाने को अपराध समझते हैं, वे देख लें न्यायपालिका का असली चेहरा। 
सुप्रीम कोर्ट के जज आयोग के चेयरमैन और राज्यसभा के लिए केंद्र सरकार के इशारे पर कैसे काम करते हैं। अब तो समझ लो कि कैसे मजीठिया वेज बोर्ड के मामले में भी प्रिंट मीडिया के दबाव में सरकार के इशारे पर मालिकान को राहत दी गई है। जो लोग अब भी इस देश में कुछ न्याय की उम्मीद कर रहे हैं वे भूल जाएं। जो लोग अभी भी कुछ अच्छा होने की उम्मीद कर रहे हैं भूल जाएं। केंद्र सरकार ने संविधान की रक्षा के लिए बनाए गए तंत्रों को इसलिए बंधुआ बनाया हुआ क्योंकि विभिन्न संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों ने निजी स्वार्थ के लिए अपना जमीर बेक दिया है।  यदि अपने बच्चों का भविष्य सुरक्षित चाहते हो पर अब इस व्यवस्था के खिलाफ सड़कों पर उतरना ही होगा।


Charan singh