जयनाथ सिंह केराम  सरगुजा सँभाग अध्यक्ष ने 17 मार्च 2020 को अपने 300 समर्थकों के साथ पार्टी के सभी पदों एवं जिम्मेदारियों से देगें इस्तीफा,

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   गोँडवाना गणतंत्र पार्टी
वैसे तो ये नाम किसी पद या परिचय का मोहताज नहीं, सरगुजा सँभाग मेँ गोँडवाना की आन-बान और शान कहे जाने वाले केराम  सन् 1994 अपने छात्र जीवन से ही गोँडवाना आँदोलन से जुडे थे,लगभग पच्चीस साल इतने लँबे राजनैतिक कैरियर के दौरान इन्हें निर्णायक आँदोलन के बादशाह के रूप में जाना जाता रहा है, इनकी पूरी टीम केराम कँमाडो के नाम से काफी मशहूर है, साथ ही सैकड़ों आँदोलन, धरना प्रदर्शन, चक्काजाम, घेराव, जेल भरो कार्यक्रम में ये अगुवा बनकर कार्य कुशलता के परिणाम स्वरूप नेतृत्व करते रहे, इसी वजह से इन्हें 12 बार से ज्यादा जेल यात्रा, एवं लगभग 43 मामलों में कोर्ट कचहरी के चक्कर लगाने का अमूल्य धरोहर रूपी इनाम प्राप्त हुआ है, सरगुजा सरकारी महकमे के द्वारा राजनैतिक गुँडा का पद मानो जैसे नोबेल पुरस्कार जन सेवा मेँ योगदान करने के परिणाम स्वरूप प्रदान किया गया है, वर्तमान समय में परिवार की माली हालत जैसे तैसे ठीक ठाक ही है, मगर अपने घर के मुखिया होने के नाते पूरे परिवार के प्रति जिम्मेदारियों का बोझ अलग से केराम  से पूरी जवानी का हिसाब किताब माँग रही है, छत्तीसगढ़ के एक साधारण से किसान परिवार में जन्म लेने के बावजूद जो वक्तिगत छाप अनुभव एवं इतिहास इन्होंने रचा है, दादा #हीरा_सिंह_मरकाम जी को छोड़कर वर्तमान छत्तीसगढ़ में भाजपा काँग्रेस या अन्य दलों के नेता भी इनके बराबरी की बात तो छोड़ ही दो आसपास भी कोई नेता नहीं ठहरते, निश्चित ही केराम  की कार्य शैली राजनीति मेँ आने वाले नये युवा कार्यकर्ताओं के बीच प्रेरणा स्त्रोत का काम करेगी, इतना सबकुछ  तन मन धन से गोँडवाना आँदोलन को समर्पित भाव से सेवा करने के बावजूद पार्टी के देश एवं प्रदेश स्तर पर बैठे तथाकथित शीर्ष नेतृत्व के द्वारा वो मान सम्मान एवं मुकाम नहीं दिया गया जिसके केराम  वास्तविक हकदार थे, शायद इसी वजह ने आज उन्हें पार्टी के प्रति तमाम जिम्मेदारियों एवं पदों से त्याग पत्र भारी मन से देना पड रहा है, इस्तीफा देने का अगर यही सिलसिला चलता रहा तो वो फिर से गोँडवाना का साम्राज्य, शासन सत्ता में हिस्सेदारी का सपना चकनाचूर होता चला जायेगा.. फिर राज कैसे करेगा गोँडवाना, कैसे बनायेंगे हम...


कृष्णा गोंड़