अगर मुझे खत्म करना चाहते हो तो पहले इंसानियत को समझो-कोरोना

बेटा मेरा नाम कोरोना है #कोरोना  । तुम जो अपने आप को कुछ समझते हैं तो ना बेटा तुम मेरे सामने कुछ भी नही हो ! बिल्कुल जीरो हो जीरो ! ये रुतबा ,ये पैसा , ये शोहरत , दुनियाँ की तमाम सारी सहूलियत मेरे सामने कुछ नही । ये तुम्हारा टेलेंट मेरे सामने कुछ नही है । बेटा , मुझे आना ही था  तुम इंसानों की औकात दिखाने की तुम इंसान कितने कमजोर हो ये बताने । 


कितने लालची और स्वार्थी हो तुम इंसान । कितने मतलबी और झगड़ालू हो । कितने जलील मक्कार और आंतरिक गंदगी से भरे हुए हो तुम इंसान। कभी जाति के नाम पर कभी मजहब के नाम पर कभी किसी राजनीतिक विचारधाराओ के प्रभाव में आकर जानवरो की तरह एक दूसरे के खून के प्यासे हो जाते हो । 


तुम मुझे अलग अलग जाति धर्म और आस्था के नाम से कभी नही हरा पाओगे । मुझे पता है तुम्हारी कमजोरी तुम टुकड़ो में बंटे हुए कमजोर और लाचार इंसान हो । तुम्हारे ये बेकार के नुस्ख़े मेरा कुछ नही बिगाड़ सकता । तुम्हें मालूम ही नही की मैं क्या हूँ । मैं अपना शिकार सबको बनाता हूँ किसी पर भी भेद भाव नही करता ।अमीर गरीब सब मेरे नजर में बराबर है इसी लिए तो मैं तुमसे ताकवर हूँ लेकिन तुम लोग इंसान होने के बावजूद भीतुम्हारे अंदर रत्तीभर भी इंसानियत नही है । अगर इंसानियत होती तो कभी का मैं भाग जाता लेकिन तुम लोग लालची और स्वार्थी हो और एक दूसरे  के जान के दुश्मन हो । मुझसे लड़ना इतना आसान नही है।


हाँ , अगर तुम्हारे अंदर थोड़ी सी भी इंसानियत बची है तो सबसे पहले मेरे गिरफ्त में जितने भी लोग हैं उनको छुड़ाने का प्रयास करो । उसकी मदद करो । मेरे गिरफ्त में आने से पहले लोग मेरे नाम से ही डर जाते हैं क्योंकि मैं कोरोना हूँ । जितना तुम अपनेभगवान ,अल्लाह ,जीजस और तुम्हारे तमाम ईश्वर है उनसे नही डरते तुम मेरे नाम से डरते हो । कितने बेबस हो गए हो मेरे नाम से।


क्या रे ,इंसान होकर इंसान से प्यार नही करते ? एक दूसरे की इज्जत नही करते । इंसानियत के नाते कोई गरीब लाचार है तो उसकी मदद नही करते हो । बता तेरा ये रुपया पैसा किस काम का अगर एक जिंदगी तक नही बचा पाए तो ! मेरी नजर में तुम्हारा ये धन ये दौलत कूड़ा है कूड़ा । अपने इस कागज़ के कूड़ो को संभाल के रख अपने पास स्वार्थी कही के ।


अगर मुझे खत्म करना चाहते हो तो पहले इंसानियत को समझो।दुख सुख में भागीदार बनो ।ईर्ष्या द्वेष, जलन, दाह ,घृणा , बुरे विचार करना ,षड्यंत्र करना, साम्प्रदायिक दंगे करना ,झूठ का साथ देना छोड़ दो । अपने पड़ोसी की मदद करना सीखो ।बाँट कर जीना खाना सीखो । अफवाहों से दूर रहो । तुम्हारे देश में इतने अमीर लोग हैं  अगर वे लोग इंसानियत के नाते मदद करे तो मैं तो कब का दफा हो जाता तुम्हारे बीच से । मुझे अच्छे डॉक्टर और अच्छे अस्पताल से डर लगता है । अगर तुम्हारे पास अच्छे अस्पताल हो तो मुझे आने की जरूरत ही नही पड़ती ।अगर मुझे हराना चाहते हो तो एक बनो नेक बनो । मुझे भीड़ पसन्द है अगर मुझे कमजोर करना चाहते हो तो अकारण भीड़ मत करो । जो लोग सड़कों में है उनको घर का रास्ता दिखाओं । मास्क लगाओ ,गरम पेय पियो। गरीबो असहायों की मदद करो तभी मैं हारूँगा और अगर फिर भी नही समझे तो मेरा कहर देख रहे हो ना । क्योकि मैं कोरोनो हूँ कोई गाजर मूली नही ।


- राजू मुर्मू
सिटीजन जर्नलिज़म फोरम
यूथ की आवाज