PMC बैंक के खाताधारकों को अपना पैसा जल्द वापस मिलने की आखिरी उम्मीद भी टूट गयी

 कल सुप्रीम कोर्ट ने पीएमसी बैंक घोटाले की आरोपी HDIL की संपत्तियां जल्द से जल्द बेचने के बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी........


आपको यह जानकर बेहद आश्चर्य होगा कि आखिर HDIl की संपत्तियों को बेचने से रोकने की मांग की किसने?............ दरअसल यह मांग खुद रिजर्व बैंक ने की है और इसके पीछे का जो कारण बताया गया है वह बेहद हास्यास्पद है रिजर्व बैंक का कहना है कि HDIL के एसेट्स बेचने से PMC बैंक को फिर से खड़ा करने की कोशिशें प्रभावित होंगी।....…



एक बात बताइये कौन मूर्ख खाताधारक होगा जो एक बार इतने बड़ा फ्रॉड करने के बावजूद PMC बैंक में वापस से अपनी जमा पूँजी रखने की सोचेगा?......तो आखिर रिजर्व बैंक क्यो ओर किसके इशारे पर PMC बैंक को फिर से खड़ा करने की कोशिश कर रहा है?......


विगत 15 जनवरी को बॉम्बे हाईकोर्ट ने PMC बैंक के खाताधारकों को बड़ी राहत दी थी बॉम्बे हाईकोर्ट ने सरोश दमानिया द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए एचडीआईएल की संपत्तियों के वैल्यूएशन और बिक्री के लिए 3 सदस्यीय कमेटी गठित की थी ताकि, एचडीआईएल से पीएमसी बैंक के बकाया की रिकवरी हो सके। लेकिन रिजर्व बैंक ने बीच मे आकर सब गुड़गोबर कर दिया........


कमाल की बात तो यह है कि इस वसूली पर HDIL के ओनर वधावन भी सहमत थे लेकिन रिजर्व बैंक ने दाल भात में मुसलचन्द बनते हुए सुप्रीम कोर्ट में इसके खिलाफ याचिका दायर कर दी


PMC बैंक के मामले रिजर्व बैंक की भूमिका पहले से ही संदेहास्पद रही है एक आरटीआई में प्राप्त जानकारी से पता चला कि RBI को 4,300 करोड़ रुपये के पीएमसी बैंक घोटाले और इसके रियल्‍टी सेक्‍टर की कंपनी HDIL के दिवालिया होने के संबंध के बारे में कोई जानकारी नहीं थी.


जबकि सारे मार्केट को मालूम था कि HDIL की वित्तीय हालत बेहद खराब है


इसके पहले भी रिजर्व बैंक ने 2014 से 2018 के बीच घोटाले की जांच कर रहे अधिकारियों के नाम सार्वजनिक करने से इनकार कर दिया था


PMC बैंक घोटाले से प्रभावित 10 खाताधारकों की अब तक मौत हो चुकी है लाखों लोग इससे प्रभावित हुए है लेकिन इसके बावजूद यह समझ मे नही आ रहा है कि रिजर्व बैंक क्यो HDIL से होने वाली वसूली में अड़ंगे डाल रहा है
Girish Malviya