आज बाबा आमटे जी की पुण्य तिथि है। बाबा सन 1990 में पहली बार नर्मदा घाटी में आये, उसी दिन नर्मदा घाटी के 5 हजार से भी अधिक लोगों ने सरदार सरोवर बांध के खिलाफ विरोध में खलघाट नर्मदा बने पुल पर राष्ट्रीय राजमार्ग पर चक्काजाम किया था। वही बाबा भी नर्मदा में पहली बार पहुँचे थे। इसके बाद बाबा ने बड़वानी के पास कसरावद गांव में नर्मदा किनारे अपनी कुटिया निजबल बनाकर रहे और सरदार सरोवर डूब के साथ सतत संघर्ष किया।बाबा के महाराष्ट्र के गढ़ चिरौली में और आनंदवन में दो आश्रम है।जहाँ मूक,बघिर,कुष्ट रोगियों का फ्री इलाज करते है। रोगी वही आश्रम में रहते हुये समता सादगी व स्वाभिमान के साथ मेहनत कर जीवन यापन करते है। स्वतंत्रता संग्राम से लेकर कुष्ठ रोगियों की सेवा और नर्मदा बचाओ तक, बाबा के प्रयास अतुलनीय थे. l बाबा आमटे की पुण्यतिथि पर हमारी विनम्र श्रद्धांजलि l
बाबा आमटे जी अमर रहे, अमर रहे।
बाबा आपके सपनों को मंजिल तक, पहुंचाएंगे। जिंदाबाद
महामानव बाबा आमटे